नई दिल्ली: दिल्ली में नागरिकता संशोधन क़ा’नून को लेकर तीन दिन हिं’सा के बाद आज मा’हौल शां’तिपूर्ण है लेकिन तना’व भी बना हुआ है. अज जाफ़राबाद के इलाक़े में क’र्फ्यू लगा दिया गया है. इस बीच आज सुप्रीम कोर्ट में शाहीन बाग़ में चल रहे शां’तिपूर्ण वि’रोध प्रद’र्शन को लेकर सुनवा’ई होनी थी. अदालत ने इस सु’नवाई को ये कहकर टा’ल दिया है कि अभी हाला’त ठीक नहीं हैं.
कोर्ट ने कहा कि मामले की सुन’वाई के लिए फिलहाल इसे टा’लते हैं. सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर वि’रोध किया और कहा कि हम पुलि’स को हतो’त्साहित नहीं कर सकते..हमारे एक ह’वलदार की मौ’त हुई है और एक DCP भी घा’यल है. इसके जवाब में जस्टिस कौल ने उन्हें कहा कि आप इंग्लैंड की पु’लिस को देखिए.. वो किसी आदेश का इंतज़ार नहीं करती, ख़ुद कार्यवाई करती है. कोर्ट ने अपना रुख़ इस मामले में स्पष्ट कर दिया है कि वो हिं’सा को बर्दाश्त नहीं करेगी.
तुषार मेहता ने फिर ये कहा कि हमारे डीसीपी वेंटिले’टर पर हैं और उनका हेलमेट उतारकर उन पर ह’मला किया. उन्हें लिं’च किया गया. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 13 से ज्यादा लोगों की मौ’त हुई है, लिहाजा यह एक गं’भीर विषय है. कोर्ट ने कहा ‘सार्व’जनिक जगह’ प्रदर्श’न की जगह नहीं होती है. जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा, “जिस पल एक भ’ड़काऊ टि’प्पणी की गई, पु’लिस को कार्र’वाई करनी चाहिए थी, दिल्ली ही नहीं, इस मामले के लिए कोई भी राज्य हो. पुलि’स को का’नून के अनुसार काम करना चाहिए. ये दिक्कत पुलि’स की प्रोफेशनलजिम में कमी की है. अदालत ने कहा है कि सभी ग्रुप्स को अपना पारा कम करना चाहिए तभी कोई सुनवाई होगी.