देशव्यापी लॉकडाउन के चलते देशभर के सभी धार्मिक स्थलों को भी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था। ऐसे में शनिवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य के स्थानीय तीर्थ यात्री 4 मई से केदारनाथ धाम का दर्शन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ग्रीन जोन में आने वाले जिलों के ही श्रद्धालु लॉकडाउन तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मंदिर में दर्शन कर सकेंगे।
ज्ञात हो कि कोरोनावायरस के संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने देश में लॉकडाउन को 2 हफ्ते के लिए आगे बढ़ा दिया है। ऐसे में मुख्यमंत्री से जब यह सवाल पूछा गया कि दूसरे राज्यों के लोगों के लिए कब दर्शन संभव होगा? इस बारे में उन्होंने बताया कि, कोरोनावायरस से देशभर में संकट की बाधा बनी हुई है इसलिए स्थिति सामान्य होने तक सरकार उचित समय का इंतजार करेगी।रावत ने कहा, ‘‘2013 में केदारनाथ त्रासदी के बाद, उसी तरह की निराशा ने लोगों को जकड़ लिया, लेकिन हम इससे उबरे और यात्रा वापस पटरी पर लौटी।मुझे विश्वास है कि कोरोना वायरस अंत में हार जाएगा और मंदिरों में सामान्य स्थिति लौट आएगी।”
ज्ञात हो कि, लॉकडाउन के चलते श्रद्धालुओं की अ’नुपस्थिति में 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए थे।दरअसल गढ़वाल क्षेत्र के चार हिमालयी मंदिरों के आसपास कोई भी कोरोना संक्रमित केश नही आये हैं, जिससे ये सभी ग्रीन ज़ोन में आते हैं।इसी के तहत बद्रीनाथ को छोड़कर अन्य मंदिरों के कपाट खुल गये हैं। लॉकडाउन के कारण बद्रीनाथ के कपाट खोलने की तिथि फिर तय की गई। यह अब 15 मई है। गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर खोले गए थे।बता दें कि,गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं, केदारनाथ रुद्रप्रयाग जिले में और बद्रीनाथ चमोली जिले में स्थित है।