राज्याधीन सेवाओं में 10% क्षैतिज आरक्षण व चिह्नीकरण की प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने की मांग को लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने आज मुख्यमंत्री आवास कूच किया। राज्य आंदोलनकारियों के साथ विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया। हाथीबड़कला के पास आंदोलनकारियों की पुलिस के साथ धक्का-मुक्की हुई। आंदोलनकारी मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं।
राज्य आंदोलनकारी लगातार सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग करते आ रहे हैं। पहले देने का प्रावधान भी किया गया था, लेकिन हाईकोर्ट ने आरक्षण का जीओ खारिज कर दिया था। इसके बाद सरकार ने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी। समिति ने आरक्षण को लागू करने की बात कही थी, जिस पर कैबिनेट ने भी मुहर लगा दी थी।
संयुक्त आंदोलनकारी मंच के बैनर तले शहीद स्मारक परिसर में आंदोलनकारियों का 36 वां दिन भी धरना जारी रहा। आंदोलनकारियों ने लंबित मांगों पर कार्रवाई ना किए जाने पर नाराजगी जताई। मंच के संयोजक क्रांति कुकरेती ने कहा कि बीते जून को जिलाधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन के बाद भी उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। सरकार, शासन व प्रशासन उनकी सुध नहीं ले रही है।
मंच के सह संयोजक ने कहा कि सरकारी सेवाओं में राज्य आंदोलनकारियों को दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के लाभ को जल्द बहाल किया जाए। राज्य आंदोलनकारियों के चिह्निकरण की प्रक्रिया वर्ष 2021 से बंद है। जिस कारण राज्य आंदोलनकारी परेशान हैं।