भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते लोकायुक्त ने मांगा शिवसेना के मंत्री से जवाब

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मुंबई: शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के गृहनिर्माण राज्यमंत्री रविंद्र वायकर की मुश्किलों में इजाफ़ा होता दिखा रहा है। वायकर के खिलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए मुंबई कांग्रेस ने महाराष्ट्र के लोकायुक्त के पास उनकी शिकायत की है।
रविंद्र वायकर शिवसेना के नेता हैं। वे मुम्बई के जोगेश्वरी विधानसभा चुनाव क्षेत्र से दूसरी बार विधायक बने हैं। उनके क्षेत्र में आरे कॉलोनी बसी हुई है। आरे – राज्य सरकार का दूध उत्पादन और पशु संवर्धन प्रोजेक्ट है। इसलिए मुम्बई के उत्तरी उपनगरों में कई सौ एकड़ जमीन सरकार के कब्जे में है। यह शहर का हरित क्षेत्र भी है जिस से महानगरी मुम्बई को ऑक्सीजन की आपूर्ती होती है।
कांग्रेस का आरोप है कि वायकर ने इस हरित क्षेत्र में 20 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्ज़ा बनाया हुआ है। साथ ही आदिवासियों के नाम पर शिवसेना मंत्री वायकर ने वहां सौनाबाथ और जैकुजी से संपन्न एक हेल्थ सेंटर बनाया। जिसकी जिम्मेदारी एक ऐसी संस्था को दिलाई जिस में मंत्री की पत्नी सहभागी हैं। कांग्रेस का यह भी आरोप है कि संस्था चैरिटी कमिश्नर के पास रजिस्टर्ड नहीं है। इस हेल्थ सेंटर के लिए सरकारी तिजोरी से 27 लाख रुपये खर्च करने की बात भी कांग्रेस ने कही है।
मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व सांसद संजय निरुपम ने अपने इन आरोपों की सूची महाराष्ट्र के लोकायुक्त एम एल ताहिलियानी को सुपूर्द की। सोमवार को मुंबई में उन्होंने प्रतिनिधि मंडल समेत लोकायुक्त से मुलाक़ात कर शिकायत पर जांच की मांग की। जिसके बाद उन्होंने मीडियाकर्मियों को बताया कि उनकी शिकायत पर मंत्री वायकर को हफ्तेभर में जवाब देने को कहा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगले सोमवार से मामले पर सुनवाई के लिए भी शिकायतकर्ताओं को आश्वस्त किया गया है।
मुम्बई कांग्रेस अध्यक्ष निरुपम इससे पहले मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को ख़त लिखकर रविंद्र वायकर को मंत्री परिषद से बर्खास्त करने की मांग भी कर चुके हैं।
उधर आरोपों का सिलसिला शुरू हुए हफ़्ता बीत चुका है लेकिन रविंद्र वायकर अज्ञात जगह पर बने हुए हैं। खुद को मुम्बई से दूर होने का हवाला देते हुए व्हाट्सऐप वीडियो जारी कर वायकर ने खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद और ग़लत सूचना के आधार पर रचित बताया है।