बिहार में फिर एक बार चाचा-भतीजे आमने सामने आ गए है। हम बात कर रहे हैं लोकसभा सांसद चिराग पासवान और उनकी चाचा पशुपति कुमार पारस की। बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच अनबन अब भी बरकरार है। रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद जब लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) दो गुटों में विभाजित हो गयी है। जिसके कारण सरकार रामविलास पासवान को दिए गए बंगले को अब खाली करवाना चाह रही है। बता दें कि सरकार द्वारा इसके लिए लोकसभा सांसद चिराग पासवान को पहले ही कई नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
नोटिस आने के बाद भी चिराग पासवान ने बंगले खाली नहीं किया। जिसके बाद अब सरकार ने इसको खाली करवाने के लिए एक टीम भेजी है। सूत्रों का कहना है कि “केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय ने पिछले साल चिराग पासवान को जारी बेदखली के आदेश को अमल में लाने के लिए अधिकारियों की टीम को जनपथ रोड स्थित बंगले पर भेजा है।”
इस काम को अंजाम देने के लिए भेजे गए एक अधिकारी का कहना है कि “12-जनपथ बंगला केंद्रीय मंत्रियों के लिए निर्धारित है और सरकारी आवास में रहने वालों को इसे खाली करने के लिए कहा गया है। यह घर लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) का आधिकारिक पता रहा है, जो अब पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच दो गुटों में विभाजित हो गयी है। इसका उपयोग पार्टी की संगठनात्मक बैठकों और अन्य संबंधित कार्यक्रमों के आयोजन के लिए नियमित रूप से किया जाता था।”