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टेस्ट सीरीज में खेलने के लिए आर अश्विन फिट!

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भारतीय टीम के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने उम्मीद जताई है कि वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज से पहले टीम से जुड़ जाएंगे। वनडे सीरीज के दौरान अश्विन चोटिल हो गए थे।
29 वर्षीय अश्विन ने कहा, ‘कानपुर में पहले वनडे में मुझे चोट लग गई थी जिसके बाद मुझे वनडे सीरीज से बाहर होना पड़ा था। चोट अब ठीक है और टेस्ट सीरीज में खेलने के लिए मैं आश्वस्त हूं।’
अश्विन को पांच मैचों की सीरीज के पहले मैच में कानपुर में चोट लगी थी जिसके बाद वह सीरीज से बाहर हो गए थे। वनडे सीरीज 3-2 से अपने नाम करने वाले मेहमान टीम टेस्ट मैच में भी कमाल कर सकती है। दोनों देशों के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच 5 नवंबर से मोहाली में खेला जाएगा।
वनडे सीरीज में टीम इंडिया की हार के बारे में अश्विन ने कहा कि टीम ने अंत तक लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा, ‘दक्षिण अफ्रीका एक मजबूत टीम है। उन्होंने पहले भी अच्छी क्रिकेट खेली है इसलिए टेस्ट सीरीज में कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है।’

पाकिस्तान से डरता है भारत, PCB के पीछे-पीछे आएगा BCCI: मियांदाद

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पूर्व पाकिस्तानी कप्तान जावेद मियांदाद ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि यह दरअसल सरकार के इशारों पर चलने वाला बोर्ड है जो हुक्मरानों की अनुमति से फैसला लेता है।
भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट संबंधों को बहाल करने के संबंध में बीसीसीआई के रवैये से नाराज मियांदाद ने भारतीय बोर्ड के सचिव अनुराग ठाकुर के हालिया बयान का हवाला देते हुए कहा कि बीसीसीआई अपनी सरकार से निर्देश लेकर काम करता है। मियांदाद ने कहा, ‘बीसीसीआई क्रिकेट बोर्ड नहीं है यह तो सरकार का बोर्ड है।’
पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर ने कहा, ‘भारत का अन्य क्रिकेट देशों के साथ काफी खराब रवैया है और यह उसके पतन की शुरुआत है। वह दिन दूर नहीं जब भारत खुद पाकिस्तान के साथ सीरीज खेलने के लिए आग्रह करेगा। एक बात तो साफ है कि न ही बीसीसीआई और न ही सरकार, पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट संबंधों की बहाली के लिए संजीदा है।’
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष शहरयार खान हाल में भारत दौरे पर गए थे जहां उन्हें बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर से द्विपक्षीय सीरीज को लेकर बातचीत करनी थी लेकिन यह बातचीत हो नहीं पाई और शहरयार को निराश स्वदेश लौटना पड़ा। बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने हाल ही में कहा था कि मौजूदा हालात में दोनों देशों के बीच क्रिकेट संभव नहीं है।
58 वर्षीय मियांदाद ने साथ ही दुनिया के शीर्ष तीन क्रिकेट बोर्ड भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की सारी क्रिकेट ताकत अपने हाथ में रखने पर आलोचना करते हुए कहा, ‘इन तीन ‘बिग थ्री’ के बनने से पहले आईसीसी सभी देशों के लिये 10 साल का फ्यूचर टूर कार्यक्रम बनाता था लेकिन अब ये तीन फैसला करते हैं कि अन्य बोर्ड को क्या करना है जो वाकई शर्मनाक है।’
पाकिस्तान के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक मियांदाद ने कहा कि जब लगातार अंतराल पर इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच एशेज सीरीज होती है तो भारत और पाकिस्तान के बीच में सीरीज क्यों नहीं होती। उन्होंने कहा, ‘भारत ही हमारे साथ नहीं खेलना चाहता क्योंकि वे पाकिस्तान से हारने से डरते हैं।’
मियांदाद ने साथ ही जोर दिया कि पाकिस्तान को अगले साल भारत की मेजबानी में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप का बहिष्कार करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘अगर पीसीबी के लिए सम्मान मायने रखता है तो उन्हें वर्ल्ड कप के लिए टीम नहीं भेजनी चाहिए। यह हमारे देश की इज्जत का सवाल है जिसका भारत सम्मान नहीं करता है।’

सानिया और हिंगिस की लगातार दूसरी जीत

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विजय रथ पर सवार चल रही भारत की सानिया मिर्जा और उनकी जोड़ीदार मार्टिना हिंगिस ने वर्ष के आखिरी टूर्नामेंट डब्ल्यूटीए फाइनल्स के अपने दूसरे मैच में जबरदस्त वापसी करते हुये लगातार पांच गेम जीतकर बुधवार को रेड ग्रुप में लगातार दूसरी जीत हासिल कर ली.
टॉप सीड सानिया और हिंगिस की जोड़ी ने सातवीं वरीयता प्राप्त चेक गणराज्य की जोड़ी आंद्रिया लावाकोवा और लूसी रादेका को एक घंटे 17 मिनट में 6-3, 6-4 से हराकर सेमीफाइनल के लिये अपनी दावेदारी मजबूत कर ली.
सानिया-हिंगिस ने पहला सेट दो ब्रेक के सहारे 34 मिनट में 6-3  से जीत लिया लेकिन विपक्षी जोड़ी ने दूसरे सेट में जवाबी प्रहार करते हुये 4-1 की बढ़त बनाकर सानिया-हिंगिस को चौंका दिया. इस साल आठ खिताब जीत चुकी शीर्ष वरीय जोड़ी ने जबरदस्त वापसी करते हुये लगातार पांच गेम जीतकर दूसरा सेट 6-4 से समाप्त करते हुये जीत अपने नाम कर ली.
भारतीय और स्विस जोड़ी ने मैच में पांच में चार ब्रेक अंकों को भुनाया जबकि विपक्षी टीम छह में से दो ब्रेक अंक ही भुना पायी. सानिया इस टूर्नामेंट की गत चैंपियन हैं. उन्होंने गत वर्ष जिम्बाब्वे की कारा ब्लैक के साथ यह खिताब जीता था. सानिया इस सा में हिंगिस के साथ जोड़ी बनाकर दो ग्रैंड स्लेम सहित कुल आठ खिताब जीत चुकी हैं.
इस बीच एकल मुकाबलों में दूसरी सीड स्पेन की गरबाइन मुगुरुजा और चौथी वरीय चेक गणराज्य की पे क्वीतोवा ने अपने-अपने मुकाबले जीत लिये. मुगुरुजा की व्हाइट ग्रुप में यह लगातार दूसरी जीत है जबकि क्वीतोवा ने पहली जीत का स्वाद चखा। मुगुरुजा ने जर्मनी की एंजेलिक केर्बर को 6-4,6-4 से हराया.
क्वीतोवा ने लूसी सफारोवा को लगातार सेटों में हराकर व्हाइट ग्रुप में अपनी पहली जीत दर्ज की जबकि लगातार दूसरा मैच हारने के बाद सफारोवा की उम्मीदें लगभग समाप्त हो गई हैं. चौथी वरीय क्वीतोवा ने आठवीं सीड और अपनी फेड कप टीम साथी सफारोवा को एक घंटे 48 मिनट में 7-5 ,7-5 से पराजित किया.
दोनों खिलाड़ियों ने अपने पहले मुकाबले हारे थे ऐसे में क्वीतोवा के लिये यह जीत टूर्नामेंट में बने रहने के लिये काफी अहम है. दो बार की विंबलडन चैंपियन क्वीतोवा ने सफारोवा के खिलाफ बेहतरीन शुरूआत की और एक समय दोनों स्कोरबोर्ड पर लगभग बराबर चल रही थीं.
सफारोवा ने पहले सेट में बेजां भूलें की और 5-5 पर स्कोर बराबर होने के बाद क्वीतोवा को पहला ब्रेक प्वांइट मिला और फिर उन्होंने 7-5 से सेट जीतकर बढ़त बना ली. दूसरा सेट भी काफी रोमांचक रहा और सफारोवा ने दो बार क्वीतोवा की सर्विस ब्रेक कर 3-0 की बढ़त बनाई. लेकिन विश्व की पांचवें नंबर की खिलाड़ी क्वीतोवा ने वापसी करते हुये लगातार अच्छे शाट खेले और बराबरी हासिल कर ली.
क्वीतोवा ने फिर दो ब्रेक अंक बचाते हुये 5-3 की बढ़त बनाई. सफारोवा ने वापसी करते हुये स्कोर 5-5 से बराबर किया लेकिन क्वीतोवा ने सेट में टाईब्रेक की नौबत नहीं आने दी और यह सेट 7-5 से निपटाते हुये मैच अपने नाम किया. क्वीतोवा की इस जीत से उनका सफारोवा के खिलाफ करियर रिकार्ड 8-0 पहुंच गया.

उत्तराखंड जन-कवि गिर्दा की पत्नी ने ठुकराया पुरस्कार

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उत्तराखंड के जन कवि गिर्दा की पत्ती ने कुमाऊं लिटरेरी फेस्टिवल लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड लेने से मना कर दिया है।
आयोजकों के जन सरोकारों से न जुड़े होने के चलते जन कवि गिर्दा की पत्नी श्रीमती हीरा देवी ने आयोजकों द्वारा गिर्दा को दिया गया कुमाऊं लिटरेरी फेस्टिवल लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड लेने से इनकार किया है।
उल्लेखनीय है कि गिर्दा को दिया गया यह पुरस्कार मंगलवार को आयोजकों में से ही किसी एक ने ग्रहण किया था। गिर्दा स्मृति मंच के संयोजक महेश जोशी का कहना है कि जनकवि और रंगकर्मी स्व. गिरीश तिवारी गिर्दा की पत्नी को पुरस्कार के लिए नैनीताल आमंत्रित किया गया था।
वह हल्द्वानी से नैनीताल तो आईं लेकिन कार्यक्रम स्थल पर नहीं गईं और न ही उन्होंने राज्यपाल द्वारा गिर्दा को दिया गया मरणोपरांत कुमाऊं लिटरेरी फेस्टिवल लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार ग्रहण किया। श्री जोशी ने बताया कि गिर्दा की पत्नी ने� पुरस्कार लेने से पूर्व जनसंस्कृति और गिर्दा से जुड़े रहे लोगों ने विचार विमर्श किया कि क्या उन्हें यह पुरस्कार लेना चाहिए या नहीं।
इस पर गिर्दा से और जन संस्कृति से जुड़े लोगों ने एकमत होकर गिर्दा की पत्नी को यह पुरस्कार नहीं लेने का अनुरोध किया। इस पर स्वर्गीय गिर्दा की पत्नी ने पुरस्कार लेने से मना कर दिया।
जब उनसे पूछा गया कि गिर्दा के नाम का पुरस्कार किसी ने मंच में ग्रहण कर लिया है तो उन्होंने कहा कि जिसने पुरस्कार ग्रहण किया है वह इसे अपने घर ले जाएं मेरे पास यह पुरस्कार किसी भी हाल में नहीं आना चाहिए क्योंकि मैंने पुरस्कार लेने से मना कर दिया है।
बता दें कि मंगलवार को राज्यपाल ने जनकवि रहे स्व. गिरीश तिवारी गिर्दा को मरणोपरांत कुमाऊं लिटरेरी फेस्टिवल लाइफ� टाइम एचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जिसे गिर्दा की पत्नी की अनुपस्थिति में आयोजकों में से ही किसी एक ने ग्रहण किया था।

टिहरी: बालगंगा बनी नई तहसील, सीएम ने किया शिलान्यास

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मुख्यमंत्री हरीश रावत ने घनसाली (ट‌िहरी) में बालगंगा तहसील सहित कई विकास योजनाओं का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि छोटी प्रशासनिक इकाइयों से ही दूरस्थ क्षेत्रों का विकास संभव है। इस दिशा में सरकार संसाधनों का ध्यान रखते हुए नई तहसील, उप तहसील और नगर पंचायतों का गठन कर रही है।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को यहां 31 करोड़ 78 लाख 65 हजार की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि आईटीआई और पालीटेक्निक खोलने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है, लेकिन राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ाने के बारे में भी सोचना होगा।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में कोई भी विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं रहेगा। विधायक भीम लाल आर्य ने कहा कि बालगंगा तहसील क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।
थत्यूड़ में कांग्रेस कार्यकर्ता संवाद में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने डीएम को आपदा प्रभावित सकलाना और थत्यूड़ क्षेत्र की पुनर्समीक्षा करने के निर्देश दिए। क्षेत्र के विकास के लिए सीएम ने कई घोषणाएं की।

फिल्म अवार्ड लौटाने वालों पर बरसे अनुपम-परेश

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पुरुस्कार लौटाने वाले फिल्मकारों पर अभिनेता अनुपम खेर ने निशाना साधा है। उन्होंने पुरुस्कार वापस करने वालों की मंशा पर सवाल उठाया है और अपने ट्वीट में लिखा है, जो लोग नहीं चाहते था कि मोदी पीएम बनें वो अब #AwardWapsi गैंग का हिस्सा बन गए हैं। जय हो।
अनुपम यहीं नहीं रुके। उन्होंने कुछ और ट्वीट भी किए। उन्होंने लिखा कि ये लोग किसी एजेंडे के तहत ऐसा कर रहे हैं। अनुपम ने अवार्ड वापसी को दर्शकों का अपमान करने वाला भी बताया।
जाने माने फिल्मकारों दिबाकर बनर्जी, आनंद पटवर्धन और 11 अन्य लोगों ने बुधवार को एफटीआईआई के आंदोलनकारी छात्रों के साथ एकजुटता प्रकट करते हुए और देश में बढ़ती असहिष्णुता के विरोध में अपने राष्ट्रीय पुरस्कार लौटा दिए। बनर्जी और अन्य फिल्मकारों ने कहा कि उन्होंने छात्रों के मुद्दों के निवारण और बहस के खिलाफ असहिष्णुता के माहौल को दूर करने में सरकार की ओर से दिखाई गई उदासीनता के मद्देनजर ये कदम उठाए हैं।
बनर्जी ने कहा, ‘मैं गुस्से, आक्रोश में यहां नहीं आया हूं। ये भावनाएं मेरे भीतर लंबे समय से हैं। मैं यहां आपका ध्यान खींचने के लिए हूं। ‘खोसला का घोसला’ के लिए मिला अपना पहला राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाना आसान नहीं है। यह मेरी पहली फिल्म थी और बहुत सारे लोगों के लिए मेरी सबसे पसंदीदा फिल्म थी।’
उन्होंने कहा, अगर बहस, सवाल पूछे जाने को लेकर असहिष्णुता और पढ़ाई के माहौल को बेहतर बनाने की चाहत रखने वाले छात्र समूह को लेकर असहिष्णुता होगी, तो फिर यह असहिष्णुता उदासीनता में प्रकट होती है। इसी को लेकर हम विरोध जता रहे हैं।
जानेमाने डाक्यूमेंट्री निर्माता पटवर्धन ने कहा कि सरकार ने अति दक्षिणपंथी धड़ों को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहा, मैंने इस तरह से एक समय पर बहुत सारी घटनाएं होती नहीं देखी हैं। क्या होने वाला है, यह उसकी शुरूआत है और मुझे लगता है कि पूरे देश में लोग अलग अलग तरीकों से प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
एफटीआईआई के छात्रों ने बुधवार को अपनी 139 दिनों पुरानी हड़ताल खत्म कर दी, हालांकि वे संस्थान के अध्यक्ष पद पर गजेंद्र चौहान की नियुक्ति का विरोध और उनको हटाने की मांग जारी रखेंगे।

अब एक साइंटिस्ट ने किया पद्म भूषण लौटाने का ऐलान

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साहित्यकारों और फिल्मकारों के पुरस्कार लौटाए जाने के सिलसिले के बीच अब एक वैज्ञानिक ने पद्म भूषण लौटाने का ऐलान किया है। वैज्ञानिक पीएम भार्गव का कहना है कि तर्कवाद, विचार और विज्ञान पर हमले के विरोध में मैं अवार्ड वापस कर रहा हूं।
सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलिक्यूलर बायलॉजी (सीसीएमबी) के संस्थापक भार्गव ने कहा कि मैं मोदी सरकार में धर्म के आधार पर देश को विभाजित करने की सांप्रदायिक और अलगाववादी तत्वों की कोशिशों को प्रश्रय देने के विरोध में मैं इस्तीफा दे रहा हूं।
पी एम भार्गव ने कहा कि इस वक्त हमारे देश में जो व्यवस्था है, बीजेपी की गवर्नमेंट जो RSS कहता है, वही करती है। आरएसएस हिंदुत्व की लाइन पर चल रहा है, इसीलिए मैंने अवार्ड वापस करने का फैसला किया है। 1996 में मुझे  जैल सिंह से अवार्ड मिला था।
भार्गव ने कहाकि अवार्ड रिटर्न करने से देश की छवि उतनी नहीं ख़राब होती जितनी और चीजों से होती है। क्या जो भागवत साहब कहते हैं उससे देश की छवि नहीं ख़राब होती? उन्होंने अभी कुछ दिन पहले ही कहा था कि शादी एक कॉन्ट्रैक्ट होती है जिसमें महिला घर संभालने का काम करती है। क्या महिलाओं का सिर्फ यही काम है?

लश्कर का टॉप कमांडर अबू कासिम मुठभेड़ में ढेर

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पाकिस्तान के आतंकी गुट लश्कर ए तैयबा को उस समय गहरा झटका लगा जब उसका एक शीर्ष कमांडर अबु कासिम दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के एक गांव में हुई मुठभेड़ में मारा गया। इस साल उधमपुर में बीएसएफ पर हुए हमले सहित कई आतंकी हमलों के संबंध में वांछित 28 वर्षीय कासिम पाकिस्तान के बहावलपुर का रहने वाला था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कासिम और उसके एक साथी के कुलगाम स्थित खांदीपुरा गांव में एक मकान में छिपे होने की खुफिया सूचना मिलने के बाद देर रात दो बजे अभियान शुरू हुआ। यह गांव यहां से करीब 80 किमी दूर है। सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के एक संयुक्त दल ने वहां पहुंचकर गांव को घेर लिया।
पुलिस के एक दल ने मोहम्मद अल्ताफ की अगुवाई में सात अक्तूबर को कासिम पर निशाना साधा था। लेकिन वह पुलिस दल पर अंधाधुंध गोली चलाते हुए भाग निकला था। इस गोलीबारी में ‘अल्ताफ लैपटॉप’ कहलाने वाले पुलिस अधिकारी अल्ताफ की जान चली गई थी जिन्होंने कई आतंकी मॉड्यूलों का भंडाफोड़ किया था। जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक के राजेंद्र ने बताया ‘सुरक्षा बलों के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है।’
उत्तरी कश्मीर में आतंकवाद फैलाने वाला कासिम दक्षिण कश्मीर में अपनी पकड़ बनाने के लिए प्रयासरत था। पिछले कुछ समय से वह शोपियां और कुलगाम के जंगलों के बाहर भी सक्रिय हो गया था। उसकी गिरफ्तारी पर 20 लाख रूपये का इनाम घोषित था। राज्य पुलिस को वर्ष 2013 में हुए हैदरपुरा मामले में कासिम उर्फ अबुर रहमान की तलाश थी। इस हमले में सेना के आठ कर्मियों को दिनदहाड़े मार डाला गया था।
इस साल अगस्त में उधमपुर में बीएसएफ के एक काफिले पर हुए आतंकी हमले में भी कासिम का नाम सामने आया था। इस हमले में बल के दो कर्मी शहीद हो गए थे। जवाबी कार्रवाई में एक आतंकी मारा गया था और स्थानीय निवासियों ने दूसरे आंतकी मोहम्मद नावेद को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया था। नावेद पाकिस्तानी नागरिक है। अल्ताफ कासिम की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रहे थे। कासिम की मौत अल्ताफ के पैतृक गांव से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर हुई।

दाऊद का खास गुर्गा रियाज भाटी गिरफ्तार

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