दिल्ली में सत्ता का सेमीफाइनल कहे जाने वाले एमसीडी चुनाव में अब कुछ ही दिन बचे हैं। 4 दिसंबर को दिल्ली के मतदाता अपने पार्षदों का चुनाव करेंगे। नतीजे 7 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। इस बीच एबीपी न्यूज सी-वोटर के सर्वे ने दिल्ली का मूड बताने की कोशिश की है।
ओपिनियन पोल के मुताबिक, लंबे समय से एमसीडी में काबिज भारतीय जनता पार्टी को इस बार आम आदमी पार्टी कड़ी टक्कर देने जा रही है। सर्वे में भविष्यवाणी की गई है कि विधानसभा से पहले ही साफ हो चुकी कांग्रेस एमसीडी में भी अपनी जमीन खोने जा रही है।
सर्वे के मुताबिक, भाजपा 42 फीसदी वोट हासिल कर सकती है तो ‘आप’ को 40 फीसदी वोट मिलने की संभावना है। कांग्रेस को 16 फीसदी वोट मिलने की संभावना है तो अन्य के खाते में 2 फीसदी वोट जा सकते हैं।
भाजपा को 118 से 138 वार्ड में जीत मिल सकती है। ‘आप’ 104-124 सीटों पर कब्जा कर सकती है। कांग्रेस को महज 4-12 सीटों से संतोष करना पड़ सकता है। अन्य के खाते में 0-4 सीटें जाने का अनुमान है।
2012 में जब आम आदमी पार्टी मैदान में नहीं थी तब भाजपा ने एमसीडी में 142 सीटों पर कब्जा किया था। कांग्रेस को 76 वार्ड में जीत मिली थी तो अन्य के खाते में 56 सीटें रहीं। 2017 में भाजपा को 181 सीटों पर जीत मिली तो ‘आप’ ने पहली बार चुनाव लड़ते हुए 49 वार्ड में परचम लहराया।
कांग्रेस को 31 और अन्य को 11 सीटें मिली थीं। यदि एमसीडी चुनाव पर ताजा सर्वे सच होता है तो भाजपा और कांग्रेस के लिए बड़ा झटका होगा। सिर्फ ‘आप’ के लिए खुशखबरी होगी।
एमसीडी चुनाव में क्या है सबसे बड़ा मुद्दा
सीवोटर की ओर से जब दिल्ली की जनता से बड़े मुद्दों को लेकर सवाल किया गया तो सबसे अधिक 24 फीसदी ने महंगाई को अपने लिए सबसे बड़ा मुद्दा बताया। 23 फीसदी प्रदूषण को सबसे अहम मुद्दा मानते हैं तो 20 फीसदी सफाई, 13 फीसदी बिजली-पानी, 13 फीसदी भ्रष्टाचार और 7 फीसदी सुरक्षा को मुद्दा मानते हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रदूषण की समस्या के बीच एमसीडी चुनाव से आम आदमी पार्टी को नुकसान होगा? 60 फीसदी लोगों ने इसका जवाब ‘हां’ में दिया तो 40 फीसदी मानते हैं कि इससे कोई नुकसान नहीं होगा।
सर्वे में यह भी सवाल किया गया कि क्या गुजरात के साथ एमसीडी चुनाव से केजरीवाल को फायदा होगा या नुकसान, 52 फीसदी ने कहा कि फायदा होगा। 48 फीसदी मानते हैं कि इससे ‘आप’ को नुकसान होगा।