राजस्थान में सियासी घ’मासान के चलते राजस्थान हाइ को’र्ट द्वारा सचिन पायलट खेमे को राहत प्रदान की गई थी। इसके बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आक्रा’मक दिखाई दिए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राज्यपाल कलराज मिश्र से विधानसभा सत्र बुलाने की अपील की गई और राज्यभवन पहुंच कर शक्ति प्रदर्शन भी किया गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा चलाया गया प्रदर्शन लगभग पूरा दिन चला और शाम को 7:40 बजे ख’त्म हुआ। राज्यभवन में काफी बड़ा प्रदर्शन देखने को मिला जहां मुख्यमंत्री के साथ लगभग 100 विधायक धरने पर बैठे थे।
राज्यपाल को गहलोत द्वारा 102 विधायकों की सूची सौंपी गई है। जिन्होंने राज्यपाल से विधानसभा सत्र के लिए अनु’रोध किया है। इसके बाद शुक्रवार की रात को अशोक गहलोत के यहां कैबिनेट की बैठक हुई। पार्टी के सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि बैठक में विधानसभा सत्र बुलाए जाने की कैबिनेट के प्रस्ताव पर राजभवन द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर चर्चा हुई। राजभवन ने छह बिंदुओं पर जवाब मांगा है। राजभवन ने जिन छह पॉइंट्स को उठाया है, उनमें से एक पॉइंट ये भी है कि, राज्य सरकार का बहुमत है तो विश्वास मत प्राप्त करने के लिए सत्र आहूत करने का क्या औचित्य है? साथ ही इसमें कहा गया कि, विधानसभा सत्र किस तिथि से आहूत किया जाना है, इसका उल्लेख केबिनेट नोट में नहीं है और ना ही कैबिनेट द्वारा कोई अनुमोदन किया गया है।
राज्यपाल से मिलने के बाद राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया द्वारा कहा गया की, “कल मुख्यमंत्री का बयान कि जनता राजभवन को घेरेगी, ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। राजस्थान में सदन बुलाने की प्रक्रिया है, ये महामहिम का अधिकार है। ये धरना देकर ज़बरदस्ती कागज़ पर हस्ताक्षर करने का प्रयास किया। महामहिम ने पूंछा कि मेरी सुरक्षा कौन करेगा? इन्होंने आज राजस्थान में सरकार की SOP का उल्लं’घन किया प्रदर्शन करके। हमने ज्ञापन दिया है कि कोरो’ना की हालत देखें, राज्य को भगवान भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कहा गया कि, बीजेपी के षड्यंत्र को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा और जरूरत पड़ी तो राष्ट्रपति भवन जाना पड़ा तो जाएंगे। राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री निवास पर भी धरना देना पड़ा तो देंगे। इस बात पर सभी विधायकों ने हाथ उठा कर समर्थन दिया। सीएम अशोक गहलोत ने विधायकों से एकजुटता और मजबूती बनाए रखने को कहा। सीएम द्वारा विधायकों से कहा गया कि, 21 दिन रहना पड़ सकता है होटल में, इस पर विधायकों ने हाथ उठाकर दिलाया भरोसा। सीएम ने कहा, बहुमत हमारे साथ है। राजभवन द्वारा छे पॉइंट्स पर जवाब मांगा गया है। राजभवन द्वारा जिन छह पॉइंट्स को उठाया गया है, उनमें से एक यह भी है कि, राज्य सरकार का बहुमत है तो विश्वास मत प्राप्त करने के लिए सत्र आहूत करने का क्या औचित्य है? इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि, विधानसभा सत्र किस तिथि से आहूत किया जाना है, इसका उल्लेख केबिनेट नोट में नहीं है और ना ही कैबिनेट द्वारा कोई अनुमोदन किया गया है।