रेलवे बोर्ड ने प्रेस कॉन्फेंस कर मामले की जानकारी दी। इस दौरान बताया गया कि प्रारंभिक जांच में सिग्नल के साथ कुछ समस्या पाई गई है। आगे की जांच जारी है। दो लूप लाइनों पर मालगाड़ी खड़ी थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस की रफ्तार 128 किमी प्रति घंटा थी। यशवंतपुर एक्सप्रेस ट्रेन भी 126 किमी. की स्पीड से आ रही थी।
इस दौरान कोरोमंडल एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकरा गई। मालगाड़ी में लोहा लदा हुआ था। इस वजह से मालगाड़ी के डिब्बे अपनी जगह से हिले भी नहीं और यही कारण है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस के यात्रियों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इस दौरान यशवंतपुर एक्सप्रेस वहां से गुजर रही थी। टक्कर के बाद पटरी से उतरे कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे यशवंतपुर एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बों से टकरा गए। इस वजह से यशवंतपुर एक्सप्रेस के डिब्बे भी पटरी से उतर गए।
जया वर्मा सिन्हा, सदस्य संचालन व्यवसाय विकास ने बताया कि रेलवे ने हादसे के बाद सबसे पहले राहत और बचाव कार्य किया, उसके बाद मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। बहानागा स्टेशन पर 4 लाइने हैं। इसमें 2 मेन लाइन है। लूप लाइन पर एक मालगाड़ी थी। स्टेशन पर ड्राइवर को ग्रीन सिग्नल मिला था। दोनों गाड़ियां अपने पूरे गति पर चल रही थी। प्रारंभिक जांच में लग रहा है कि सिग्नल में गड़बड़ी हुई है। घटना की चपेट में सिर्फ कोरोमंडल आई थी।