शराबबंदी वाले बिहार में एक बार फिर एकमुश्त सात लोगों की शराब से मौत हुई है। परिजन जहरीली शराब से मौत का दावा कर रहे हैं, जबकि प्रशासन इस बारे में कुछ नहीं बोल रहा है। इस बार घटना सारण जिले के इसुआपुर थाना क्षेत्र के डोइला गांव में हुई है।
डोइला के संजय सिंह (पिता- वकील सिंह), विचेन्द्र राय (पिता- नरसिंह राय), अमित रंजन (पिता- विजेंद्र सिन्हा) के अलावा मशरख थाना क्षेत्र के कुणाल सिंह (पिता- यदु सिंह), हरेंद्र राम (पिता- गणेश राम), रामजी साह (पिता- गोपाल साह) और मुकेश शर्मा (पिता- बच्चा शर्मा) की मंगलवार रात से बुधवार तक मौत हो चुकी है।
स्थानीय स्तर पर इलाज कर रहे कई लोगों की स्थिति गंभीर होने के कारण अभी मौतों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। पीड़ित परिवार के लोगों से पूछताछ की जा रही। साथ ही नकली शराब बनाने वालों की धरपकड़ भी शुरू कर दी गई है। उधर बिहार में जहरीली शराब के बढ़ते कारोबार को लेकर बिहार की सियासत भी गर्म है। गठबंधन के नेता जहरीली शराब की खरीद फरोख्त के लिए शराबबंदी को मुख्य कारण मानते हैं। हाल ही में बिहार के कुढ़नी में हुए उपचुनाव के दौरान भी इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया गया था।
बिहार में जहरीली शराब पीने से मौत का ये कोई पहला मामला नहीं है। 5 अगस्त 2022 को बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब से 9 लोगों की मौत हुई थी और 17 लोगों ने अपनी आंख की रोशनी को खो दी थी। वहीं 21 मार्च 2022 को बिहार के तीन जिलों में जहरीली शराब पीने से 37 लोगों की मौत हो गई थी।
उस समय जहरीली शराब से सबसे ज्यादा मौतें भागलपुर जिले में हुईं, जहां 22 लोगों की मौत हुई थीं। इसके अलावा बांका जिले में 12 और मधेपुरा में 3 लोगों की जान चली गई। 5 नवंबर 2021 में मुजफ्फरपुर के बेतिया में 8 और गोपालगंज में 16 लोगों की मौत हो गई।