अक्सर अपनी कविताओं से चर्चा में रहने वाले अभिनेता नकुल मेहता ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी एक खास कविता पढ़ी है. नकुल मेहता ने अपनी कविता में देशभक्ति और राष्ट्रवाद का फर्क बताया है. उन्होंने ट्विटर X.com पर अपना वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “देशभक्ति और राष्ट्रवाद में फर्क है.
अजय और मैं 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौक पर एक खास कविता के साथ फिर से वापस आ गए हैं. देशभक्ति वर्सेज़ राष्ट्रवाद.” जिस कविता को नकुल ने पढ़ा है उसे लेखक अजय सिंह ने लिखा है.
There is a difference between a patriot and a nationalist. देशभक्ति और राष्ट्रवाद में फ़र्क है। Ajay and i come back for a special poem on our 77th Independence Day.
Patriotism vs Nationalism लेखन: @ajaxsingh #DialoguesOfDemocracy pic.twitter.com/YjZYB7fSv9
— Nakuul Mehta (@NakuulMehta) August 15, 2023
नकुल की कविता
देशभक्ति और राष्ट्रवाद, एक सिक्के के दो पहलु नहीं, दो अलग अलग सिक्के हैं
राष्ट्रवाद को जहां गुमान है ये जमीन हमारी है ये मुल्क हमारा है
वहीं देशभक्ति को अभिमान है, ये जमीन हम सबकी है, ये मुल्क हम सबका है
उनका, जो थे और उनका भी, जो आए और यहीं के होकर रह गए
जिन्होंने इस मिट्टी को अपनी मां समझा, इसे अपने पसीने अपने खून से सींचा
बात आने और जाने की भी नहीं है, आए तो कहीं न कहीं से हम सब हैं
सिर्फ टाइमलाइन अलग अलग है
बात वतन से मुहब्बत की है, मुझे हक है कि इस देश की सबसे ऊंची मीनार पर चढ़कर चीखूं
मुझे अपनी मातृभूमि से प्यार है
मुझे कोई हक नहीं
झुंड बनाकर पूछता फिरूं क्या तुम्हें अपने देश से प्यार है
वतनपरस्ती का दावा करने वाले ये दीवान इतना नहीं जानते, मोहब्बत पूछी नहीं जाती जताई जाती है
देशभक्ति और राष्ट्रवाद में फर्क है
देशभक्ति जज्बा है, राष्ट्रवाद ठेकेदारी
देशभक्ति गंगा है
राष्ट्रवादी नए नए पैकेज में बिकता बोतल का पानी
देशभक्ति सीता सी कोमल है
राष्ट्रवाद रावण सा अंधा, अहंकार से भरा
देशभक्ति बहुरंगी थाली है
राष्ट्रवाद एक बेस्वाद खिचड़ी
देशभक्ति हमे सिखाती यूनिटी इन डायवर्सिटी
राष्ट्रवाद सिर्फ बपौती और बकैती
सीमाओं को जोड़ने भर से राष्ट्र नहीं बनते
राष्ट्र बनते हैं नफरतों को खत्म कर, दिलों को जोड़कर
जो ये कर जाए
वही सच्चा देशभक्त, अच्छा राष्ट्रवादी