देश में अगर बात की जाती है क्राइम की तो इनमें दो राज्यों का नाम सबसे ऊपर आता है। पहला उत्तर प्रदेश और दूसरा बिहार। ये दो राज्य ऐसे हैं जहां हत्या के काफी मामले सामने आते हैं। बता दें कि 13 मई 2016 में बिहार के सीवान के स्टेशन रोड पर एक मामला पेश आया था। इसमें कुछ अपराधियों द्वारा पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जांच करते हुए सीबीआई ने पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन समेत आठ आरोपितों के खिलाफ विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
हालांकि अब तक इस मामले को लेकर कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है। लेकिन सीबीआई ने कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। कोर्ट में दाखिल की गई रिपोर्ट में सीबीआई ने मुख्य गवाह बादामी देवी को मृत घोषित कर दिया था। आपको बता दें कि वह अभी जिंदा हैं, और उनके कोर्ट में आने से इस मामले का रुख बदल गया है। हत्याकांड की महिला गवाह बादामी देवी शुक्रवार को कोर्ट ने पहुंची और बोलीं “हुजूर, मैं जिंदा हूं। मुझे CBI वालों ने मृत घोषित कर दिया है।” अब सीबीआई की जांच पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं।
बता दें कि इस दौरान बादामी देवी ने अपनी सारी आईडी दिखाकर खुद को सही साबित भी कर दिया। जिसके बाद कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस भेज इस लापरवाही का जवाब मांगा है। कोर्ट ने बादामी देवी को सुनने के बाद कहा कि “ये बड़ी लापरवाही है। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी अगर इस तरीके से काम करेगी तो क्या होगा? CBI ने गवाह से संपर्क तक नहीं किया और महिला को मृत घोषित कर दिया। इतना ही नहीं, कोर्ट में रिपोर्ट भी सबमिट कर दी गई। इसमें कहीं न कहीं साजिश की बू आ रही है।”