मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद विपक्ष ने महाराष्ट्र सरकार को पूरी तरह घेर लिया है। ऐसे में गृहमंत्री अनिल देशमुख पर भी कई तरह के सवाल खड़े किए गए। लेकिन एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) का साथ मिलने के बाद अब उनको थोड़ी राहत है। परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों को शरद पवार ने पूरी तरह गलत बताया है। उन्होंने कहा है कि “चिट्ठी में लगाए गए आरोप गंभीर जरूर हैं, लेकिन इसमें कोई सबूत नहीं दिया गया है।” इस बीच जांच को लेकर बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि जिस समय की बात परमबीर अपने आरोपों में कर रहे हैं उस समय गृहमंत्री अस्पताल में भर्ती थे।
उन्होंने कहा कि “जिस समय परमबीर सिंह से अनिल देशमुख के मिलने की बात कही जा रही है, उस वक्त वह अस्पताल में भर्ती थे। हमारे पास रिकॉर्ड है कि जिस समय की बात मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर कर रहे हैं, उस वक्त अनिल देशमुख नागपुर में कोरोना का इलाज कराने के लिए अस्पताल में भर्ती थे।” शरद पवार ने कहा कि “5 से 15 फरवरी तक महाराष्ट्र्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख अस्पताल में भर्ती थे और 15 फरवरी से 27 फरवरी तक वह घर पर ही कोरोना की जंग लड़ रहे थे।”
इस दौरान परमबीर के आरोपों पर सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि “पिछले एक महीने से वो चुप क्यों थे? अगर उन्हें गृहमंत्री की बात सही नहीं लगी थी तो उस समय क्यों नहीं बोले?” इस बीच उन्होंने गृहमंत्री के इस्तीफे की बात करते हुए कहा कि “जब ये बात साफ हो गई है कि जिस समय की बात परमबीर सिंह ने अपने आरोप में कर रहे हैं उस वक्त देशमुख अस्पताल में थे, ऐसे में उनके इस्तीफे की बात ही कहीं नहीं आती है।”