मणिपुर मुद्दे पर राष्ट्रपति से मिले विपक्षी नेता, खरगे ने कहा-PM हरियाणा पर भी चुप

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मणिपुर की हिंसा पर INDIA गठबंधन के नेताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की है। विरोधी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है। खरगे ने कहा कि पीएम मको मणिपुर जाना चाहिए था। हरियाणा पर भी पीएम चुप क्यों हैं। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि नूंह में जो घटना घटी है वह बड़ी प्रशासनिक विफलता है। अगर सरकार समय पर सतर्क रहती, पुलिस प्रशासन तैनात किया जाता तो यह घटना टाली जा सतकी थी। उपमुख्यमंत्री (दुष्यंत चौटाला) और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के बयानों में भी प्रशासनिक विफलता की बात है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि नूंह हिंसा को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। फारुक ने कहा कि नूंह में जो कुछ हुआ वह दिल दहला देने वाला है। धर्म को लेकर लड़ना भारत के लिए अच्छा नहीं है। भारत सबका देश है और यहां हर धर्म को आगे बढ़ने का अधिकार है। विपक्षी दल सदन में पीएम मोदी की मौजूदगी की मांग पर अड़े हुए हैं। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सभापति की ओर से कोई निर्देश जारी नहीं किया जाएगा। मैं पीएम को मौजूद रहने का निर्देश नहीं दे सकता, मैं नहीं दूंगा।

मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। विपक्षी दलों ने राज्यसभा में PM मोदी की मौजूदगी की मांग की है। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। कल यानी मंगलवार को भारी हंगामे और नारेबाजी के बीच केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक-2023 पेश किया।

मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में बुधवार को भी जमकर हंगामा हो रहा है। विपक्षी दल राज्यसभा में PM मोदी की मौजूदगी की मांग कर रहे हैं। हंगामे और नारेबाजी के चलते सदन की कार्यवाही को स्थगित भी करना पड़ा। विपक्षी दलों का कहना है कि पीएम को राज्यसभा में मौजूद रहना चाहिए।

इससे पहले, केंद्र सरकार ने लोकसभा में मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक-2023 पेश कर दिया। विधेयक पर बुधवार को चर्चा होगी। मौजूदा विधेयक में कुछ बदलाव भी किए गए हैं। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय जब मंगलवार को इस विधेयक को लोकसभा में पेश कर रहे थे, तब विपक्षी दल जोरदार हंगामा कर रहे थे। हंगामे और नारेबाजी के बीच इस विधेयक को पेश किया गया।