नोएडा ट्विन टावर्स पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, कल ढहा दी जाएंगी इमारतें…

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नोएडा के सुपरटेक बिल्डर्स का कल सबसे बुरा दिन होने वाला है। खबरों के अनुसार अवैध रूप से बने सुपरटेक के ट्विन टावर को कल गिराने का आदेश जारी कर दिया गया है। इसको लेकर पूरी तैयारियां की जा चुकी हैं। अब बस दल इसको गिराने का काम बाकी है। इन दो इमारतों के गिरने से बिल्डर्स का काफी बारी नुकसान होने वाला है। बता दें कि दोनों इमारतें 40 मंजिला हैं, इन दोनों इमारतों को गिराने के लिए करीब 3700 किलों से भी ज्यादा विस्फोटक का इस्तेमाल किया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार विस्फोटक लगाने और उन्हें जोड़ने का सारा काम पहले ही पूरा किया जा चुका है।

अधिकारियों ने कहा कि “केवल ट्विन टावरों को आपस में जोड़ने और संरचनाओं से ‘एक्सप्लोडर’ तक 100 मीटर लंबी केबल तार बिछाने का काम बचा है।” लोगों को इन इमारतों के गिरने की तो खबर है, लेकिन बहुत से लोगों को ये नहीं पता कि इन इमारतों को क्यों गिराया जा रहा है? तो चलिए जानते हैं इसके बारे में भी। दरअसल, यह विवाद करीब डेढ़ दशक पुराना है। 2000 के दशक के मध्य में नोएडा बेस्ड कंपनी ने एमरल्ड कोर्ट नाम परियोजना की शुरुआत की थी।

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इस परियोजना के अनुसार नोएडा और ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे के नजदीक 3, 4 और 5 बीएचके फ्लैट्स वाले इमारत बनाई जानी थी। इस परियोजना के अनुसार 14 नौ मंजिला टावर होने चाहिए थे। लेकिन कंपनी में प्लान में बदलाव करते हुए 14 की जगह 15 टावर खड़े कर दिए। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि कंपनी ने हर एक इमारत को 9 की जगह 11 मजिला बनाया। इस योजना के बाद एक और योजना आई जिसमें 40 मंजिल की दो और इमारतें बनाई जानी थीं।

बता दें कि सुपरटेक ने टावर वन के सामने ‘ग्रीन’ एरिया बनाने का वादा किया था। लेकिन वह अपने वादे पर खरे नहीं उतरे। कंपनी ने ग्रीन पार्क बनाने वाली जगह पर ट्विन टावर्स यानी सियेन और एपेक्स बनाए, जिसको लेकर इसके खिलाफ घर खरीदारों ने कोर्ट में मुकदमा दर्ज किया। पहले साल 2014 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा इन दोनों टावरों को गिराने का आदेश दिया गया था। जिसके खिलाफ सुपरटेक ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट का भी फैसला वही रहा। अब कल इन दोनों इमारतों को गिरा दिया जाएगा।