निर्भया के दोषियों ने क़ा’नून का सहारा लेते हुए अपनी फाँ’सी की स’ज़ा को टा’लने का रास्ता तला’शा था, जिसके ज़रिए उनमें से एक मुकेश ने राष्ट्रपति के पास अपनी दया या’चिका भेजी थी। क़ा’नून के अनुसार कोई भी या’चिका जब तक कहीं भी निवे’दित हो और उस पर फ़ैस’ला न आया हो तब तक किसी को भी फाँ’सी की स’ज़ा नहीं दी जा सकती है।
बस इस क़ा’नून के चलते फाँ’सी की स’ज़ा पर मु’हर नहीं लग सकी और निर्भया के चारों दो’षियों को 22 जनवरी को फाँ’सी नहीं लगायी जाएगी। इस बात से निर्भया की माँ आशा देवी काफ़ी व्य’थित हुईं और उन्होंने को’र्ट के बाहर अपनी बात कहते हुए कहा कि क़ा’नून के दाँ’व पें’च में उनके सात साल फँ’सकर रह गए हैं जिसके कारण वो अपनी बेटी के लिए न्या’य की गुहा’र लगाते इधर से उधर भ’टक रहे हैं।
निर्भया की माँ ने ये भी कहा कि उन्होंने इतने साल क़ा’नून पर भरोसा रखा है तो वो अब भी रखेंगी और इस ल’ड़ाई को अं’तिम समय तक ल’ड़ेंगी, जब तक उनकी बेटी को न्या’य नहीं मिल जाता। आपको बता दें कि ख़’बर आयी है राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुकेश की दया या’चिका अस्वी’कार कर दी है। इसके बाद जैसा कि निर्भया के वक़ील ने कहा था कि विरो’धी पक्ष के व’क़ील। किसी दूसरे दो’षी की ओर से या’चिका भेज सकते हैं एक-एक करके ये काम करने पर उन्हें स’ज़ा की सुनवाई से पहले मोहल’त मिलती जाएगी।