विराट कोहली आज अपना 34वां जन्मदिन मना रहे हैं। 2008 में भारत के लिए डेब्यू करने वाले कोहली ने अपना करियर उस समय शुरू किया था, जब भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन में उन दिग्गजों का नाम शामिल था, जिन्हें खेलते देखकर, विराट बड़े हुए थे। कोहली इस दौरान कभी ओपनिंग करने उतरे, तो कभी चौथे, सातवें या फिर तीसरे नंबर पर आए। 2010 के बाद से अपने सबसे पसंदीदा तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते नजर आए। कोहली ने 2010 में ही जिम्बाब्वे के खिलाफ टी-20 डेब्यू किया था। इसके अगले ही साल उन्होंने टेस्ट में भी डेब्यू कर लिया था। जिसके बाद पूरी दुनिया ने एक ऐसे बल्लेबाज को देखा जो अपने दम पर मैच का रूख पलटने का दम रखता है, जिसके सामने आने से बड़े से बड़े गेंदबाज डरता है और कप्तानी ऐसे की, जिसकी चर्चा आज और कल भी होती रहेगी।
टेस्ट में डेब्यू करने के तीन साल बाद ही 2014 में विराट कोहली को टीम का कप्तान चुन लिया गया था और ये काम तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने किया था। धोनी ने उन पर भरोसा जताया। इसके तीन साल बाद विराट कोहली टीम के फुल टाइम कप्तान बन गए। धोनी का बतौर कप्तान करियर ज्यादा बढ़ा नहीं रहा है, लेकिन जो जज्बा और जुनून उनकी कप्तानी में देखने को मिला, उसकी पूरी दुनिया कायल है। उनकी कप्तानी में टीम ने कई ऐतिहासिक जीत हासिल की कई बड़े टूर्नामेंट में लंबा सफर तय किया, लेकिन ट्रॉफी हाथ नहीं लगी। हालांकि ये सिलसिला ज्यादा दिन तक नहीं चला और 2021 टी-20 वर्ल्ड कप में टूर्नामेंट की शुरुआत से बाहर होने के बाद ही विराट कोहली ने टी-20 टीम की कप्तानी के पद से हटने का फैसला कर लिया।
जानकारों की माने तो वनडे की कप्तानी से कोहली को हटाया गया, क्योंकि बोर्ड चाहता था कि सीमित ओवरों का कप्तान एक ही हो, ऐसे में रोहित शर्मा को टीम का कप्तान चुना गया। इसके बाद अफ्रीका से इसी साल 2-1 से टेस्ट सीरीज में मिली हार के बाद कोहली ने टेस्ट कप्तानी भी छोड़ दी। कप्तानी छोड़ने के फैसले पर काफी बवाल भी मचा, लेकिन वक्त के साथ चीजें पीछे छूट गईं।
अब सभी की नजरें एक बार फिर विराट कोहली पर थीं, जिसने एक लंबे समय तक भारत की नैया पार लगाई थी। कप्तानी से हटने के बाद कोहली लय में नजर नहीं आए। खासकर खेल के सबसे छोटे प्रारूप में, जिसके बाद उनके टी-20 टीम में जगह को लेकर भी सवाल उठने लगे, लोगों का कहना था कि जब रन नहीं बना रहे कोहली तो बाहर करो, किसी और खिलाड़ी को मौका दो जो ज्यादा अच्छा कर रहा हो। आईपीएल के दौरान भी वह फ्लॉप रहे और तीन बार जीरो पर आउट हो गए। इसके बाद कोहली ने कई बार ब्रेक लिया और इस पर भी सवाल खड़े किए गए, लेकिन विराट कोहली का खराब दौर लगातार जारी रहा।
जुलाई में इंग्लैंड दौरे के बाद और एशिया कप से ठीक पहले उन्होंने एक महीने का लंबा ब्रेक लिया। इस बार सभी को इंतजार था कि शायद कोहली फॉर्म में वापस आ जाएंगे और कोहली ने भी अपने चाहने वालों को निराश नहीं किया। इस बीच एशिया कप में ही विराट कोहली ने 1020 दिन के शतक के सूखे को खत्म करते हुए अपना 71वां इंटरनेशनल शतक भी जड़ा। विराट यहीं नहीं रुके और पिछली 9 पारियों में उन्होंने चार अर्धशतक जड़े हैं। एशिया कप 2022 में वह दूसरे सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे थे और ऑस्ट्रेलिया में जारी टी-20 वर्ल्ड कप में वह इस सीजन सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं और टी-20 वर्ल्ड कप के इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी बन गए हैं।
विराट के लिए पिछला एक साल काटों भरा जरूर रहा। कप्तानी छोड़ी, बल्ले से रन नहीं बने, संन्यास की सलाह देने वालों की लाइन लग गई थी, लेकिन विराट कोहली ने उम्मीद नहीं छोड़ी, एक महीने तक बैट नहीं पकड़ा, ब्रेक लिया, वापस लौटे और दिखाया कि उन्हें इस दौर का खेल का सबसे महान बल्लेबाज क्यों कहा जाता है। विराट कोहली की वापसी युवा खिलाड़ियों को यही सीख देती है कि किसी भी हालत में हार नहीं माननी चाहिए।