उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में हुई हिंसा के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई। इसके साथ ही कोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश दिया कि वह घटना के गवाहों को सुरक्षा दें। बता दें कि मामले की सुनवाई मंगलवार को हुई। सुनवाई के बीच कोर्ट ने कहा कि घटना के सिर्फ 23 चश्मदीद क्यों हैं? राज्य सरकार को और अधिक गवाह एकत्र करने होंगे। बता दें कि इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार का पक्ष रखने के लिए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश हुए।
सुनवाई के बीच यूपी सरकार का पक्ष रख रहे वकील हरीश साल्वे कहा कि “मामले में कुल 68 चश्मदीद थे। इनमें से 30 चश्मदीदों के बयान दर्ज किए गए हैं। इनमें से 23 लोगों ने घटना के चश्मदीद होने का दावा किया है।” जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि “घटना के दौरान 4-5 हजार लोगों की भीड़ थी जो सभी स्थानीय लोग हैं और यहां तक कि घटना के बाद भी ज्यादातर आंदोलन करते रहे। हमें यही बताया गया है। फिर, इन लोगों की पहचान में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।” कोर्ट ने राज्य सरकार को और अधिक गवाह एकत्र करने, उनके बयान दर्ज करने और उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने का भी आदेश दिया है।
इस बीच कोर्ट ने कहा कि “अगर चश्मदीद गवाह से ज्यादा विश्वसनीय हैं तो फर्स्ट हैंड इंफॉर्मेशन होना सबसे अच्छा है। अगर बयान दर्ज करने में कोई कठिनाई हो रही है या न्यायिक अधिकारी उपलब्ध नहीं है तो पास के जिला जज उनकी जगह किसी और की उपलब्धता को सुनिश्चित करें।” बता दें कि इस हिंसा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के ऊपर किसानों की हत्या का आरोप था। जिसके चलते उनकी गिरफ्तार कर लिया गया था। इस बीच उनकी कार के नीचे आकर 4 किसानों की मौत हुई।