देहरादून: आईएसबीटी फ्लाईओवर के नीचे और उसके आसपास बड़ी संख्या में अवैध रूप से लोग बसे हुए हैं। फुटपाथ पर भी इन लोगों ने कब्जा किया हुआ है। नगर निगम से कई बार अतिक्रमण हटाने की मांग की जा चुकी है। अभियान भी चलाया गया, लेकिन जिस तरह से नगर निगम की भूमिका नजर आ रही है। उससे कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं।
आईएसबीटी फ्लाईओवर के सामने की ओर एमडीडीए के फ्लैट बने हुए हैं, जहां बड़ी संख्या में लोग रहे रहे हैं। आवासीय कॉलानी की ओर जाने वाले गेट के दोनों ओर भी अवैध रूप से लोग रहे रहे हैं। इसके चलते आसपास भारी गंदगी रहती है। खुले में शौच कर गंदगी फैलाई जा रही है, जिससे बीमारी का खतरा हो गया है।
कुछ दिनों पहले अवैध रूप से रह रहे लोगों को हटाने का अभियान चलाया गया था। उस अभियान के दौरान भी नगर निगम की टीम ने कुछ खास दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। टीम तो पहुंची थी, लेकिन वह सामान हटाने के लिए डंडों का प्रयोग कर रहे थे। कई बार कहने के बाद भी नगर निगम की टीम कामचलाऊ काम करती नजर आ रही है।
आज फिर से अभियान चलाया गया, तो एक बार फिर नगर निगम का वही रवैया देखने को मिला। नगर निगम की टीम पहले तो मौके पर पहुंची ही नहीं। उच्चाधिकारियों को कई बार कहने के बाद नगर निगम की ओर से केवल ट्रैक्टर ट्रॉली और दो-चार कर्मचारियों को भेज दिया गया। इस बार भी जिम्मेदार अधिकारी टालबराई करते हुए नजर आए।
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है। अगर कोई लापरवाही कर रहा है, तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। लेकिन, कोई भी अधिकारी यह जहमत नहीं उठा रहा है कि एक बार मौके पर जाकर निरीक्षण कर लिया जाए।
इससे सवाल यह उठता है कि नगर निगम के अधिकारी अतिक्रमण क्यों नहीं हटाना चाहते हैं? कहीं ऐसा तो नहीं है कि यह कर्मचारियों की मिलीभगत से ही किया जा रहा है? आखिर ऐसी कौन सी बात है कि नगर निगम इनका हटाना नहीं चाहता? अगर ऐसा है तो यह गंभीर मामला है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। एक ओर स्वच्छता सर्वेक्षण के स्लोगन नजर आ रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर उन्हीं स्लोगन के आसपास गंदगी पसरी हुई नजर आ रही है।