महंगाई के आंगन में उतरीं सब्जियां भाव खाने लगी हैं। टमाटर का रंग-स्वाद भले ही न बदला हो, पर भाव खाने में वह सबसे आगे है। 80-100 रुपये किलो का भाव सुनकर भले ही मुंह बिदकाएं, पर जीभ को कैसे समझाएं। मन मसोस कर ही सही, जेब तो ढीली करनी ही पड़ रही है। परवल, बैंगन, धनिया, कद्दू सब इतराने लगे हैं।
टमाटर के रेट भी अचानक बढ़ गए हैं। पिछले सप्ताह तक टमाटर के दाम अधिकतम 30-40 रुपये था। यही रेट अब पढ़कर 50-60 रुपये पहुँच गया है। टमाटर के दाम बढ़ने का मुख्य कारण- आपूर्ति का कम होना है। ऐसे में बंगलूरू से टमाटर मंगाया जा रहा है।
अलग-अलग सब्जी मंडियों में फुटकर कीमतों में काफी अंतर रहता है, इसके कारण भी भाव ज्यादा लग रहे हैं। कब तक ऐसे हालात रहेंगे, इस सवाल पर वह कहते हैं-आने वाले दिनों में अगर ठीक से बारिश हो गई, तो दामों में और तेजी देखने को मिल सकती है। खीरे के दाम भी तेजी से बढ़े हैं। 30-40 रुपये किलो में बिक रहा देशी खीरा 30-40 रुपये से सीधे 50-60 रुपये तक बढ़ गया है।