रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज मुंबई में स्वदेश निर्मित P15B स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक युद्धपोत ‘मोरमुगाओ’ को भारतीय नौसेना को सौंप दिया। ‘मोरमुगाओ’ की जरिए भारतीय नौसेना की हिंद महासागर में पहुंच बढ़ेगी तथा देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और चाकचौबंद होगी। इस कार्यक्रम में सीडीएस जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, गोवा के राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और अन्य गणमान्य व्यक्ति आईएनएस मोरमुगाओ, एक पी-15बी स्टील्थ-गाइडेड विध्वंसक मिसाइल के कमीशनिंग समारोह में शामिल हुए।
इस मौके पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि स्वदेशी युद्धपोत निर्माण के इतिहास में आज का दिन एक और मील का पत्थर है क्योंकि हमने विध्वंसक मोरमुगाओ को चालू किया है, खासकर जब हमारी सिस्टर शिप विशाखापत्तनम को एक साल पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। नौसेना प्रमुख ने कहा कि यह उपलब्धि पिछले दशक में युद्धपोत डिजाइन और निर्माण क्षमता में हमारे द्वारा उठाए गए बड़े कदमों का संकेत है। नौसेना में शहरों के नाम पर जहाजों के नाम रखने की परंपरा है जो दोनों के बीच एक स्थायी कड़ी बनाती है।
मुंबई में भारतीय नौसेना आयोग द्वारा स्वदेशी रूप से निर्माण मिसाइल विध्वंसक INS मोरमुगाओ के कमीशनिंग समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि INS मोरमुगाओ भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली युद्धपोत में से एक है। यह भारत की समुद्री क्षमता में बढ़ोतरी करेगा। MDSL द्वारा तैयार यह युद्धपोत हमारी स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता का बड़ा उदाहरण प्रस्तुत करती है। इसमें कोई संदेह नहीं रह जाता है, कि आने वाले समय में हम न केवल अपनी जरूरतों के लिए, बल्कि दुनिया भर की जरूरतों के लिए भी जहाज निर्माण करेंगे:
इस विध्वंसक युद्धपोत को भारतीय नौसेना के ‘वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो’ ने डिजाइन किया है और इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई द्वारा किया गया है। आईएनएस मोरमुगाओ का नाम पश्चिमी तट पर गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर के नाम पर रखा गया है। INS मोरमुगाओ ने पिछले साल 19 दिसंबर को पहली बार समुद्र में उतरा था, इसी दिन गोवा में पुर्तगाली शासन से मुक्ति पाने के 60 साल पूरे हुए थे।