तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोआन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में जम्मू कश्मीर के मसले पर बयान दिया था। और पाकिस्तान का समर्थन किया था। इसके साथ-साथ उन्होंने FATF की बैठक में भी पाकिस्तान का पुरज़ोर समर्थन किया था। एक तरफ तुर्की जम्मू कश्मीर मसले पर पाकिस्तान के सुर में सुर मिला रहा है, तो वहीं दूसरी और उसका सीरिया के साथ भीषण विवाद भी चल रहा है।
तुर्की और सीरिया के बीच चलते विवाद, और जम्मू कश्मीर के मसले पर तुर्की के रुख़ के बीच भारत सरकार ने तुर्की जाने वाले भारतीय नागरिकों के लिए एक एडवाइज़री जारी की है। एडवाइज़री में सभी यात्रियों को ‘अत्यंत सावधानी’ बरतने को कहा गया है। बुधवार को अंकारा में स्थित भारतीय दूतावास ने पर्यटकों के लिए आपातकालीन स्थिति के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।
दूतावास ने ट्वीट किया है कि भारतीय नागरिक तुर्की की यात्रा करने के बारे में भारत सरकार से लगातार सवाल पूछ रहे थे। हालांकि, अब तक तुर्की में भारतीय नागरिकों के साथ किसी अप्रिय घटना की कोई रिपोर्ट नहीं आई है। फिर भी यात्रियों से अनुरोध किया गया है कि वह तुर्की में यात्रा के दौरान विशेष सावधानी बरतें। बता दे कि 73 वें संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोआन के कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के समर्थन करने के बाद भारत और तुर्की के संबंधों में तनाव आया है। राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोआन के बयान के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि तुर्की को कोई भी बयान देने से पहले ज़मीनी स्तर पर मसले को अच्छी तरह समझना होगा।