हाईकोर्ट के नोटिस के बाद सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक पहुंचा केंद्र, कहा “जेल जाने से तो नहीं…”

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कोरोना वायरस के बीच ऑक्सीजन की कमी का मामला एक अहम मामला बना हुआ है। ऑक्सीजन की कमी से अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है। देश के कई राज्यों में ऑक्सीजन की किल्लत हो रही है। इन सभी राज्यों में से सबसे ज्यादा परेशानी दिल्ली को हो रही है। दिल्ली में कई ऑक्सीजन की कमी की वजह से कई अस्पताल खाली हो गए हैं। मरीजों को ऑक्सीजन की पूर्ति नहीं हो रही है। ऐसे इस मुद्दे को दिल्ली हाईकोर्ट में उठाया था। इस मुद्दे पर पहले 2 से ज्यादा सुनवाई हो चुकी हैं। लेकिन अब तक कोई सुझाव नहीं निकल पाया है। खबर है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र को चेतावनी दी है। जिसके चलते केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

जानकारी के मुताबिक दिल्ली हाईकोर्ट की अवमानना की चेतावनी पर केंद्र सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच गई है। इस दौरान याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र से ऑक्सीजन को पूरा करने की योजना के बारे में पूछा है। साथ ही चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमण ने दिल्ली हाईकोर्ट के अवमानना आदेश पर केंद्र की याचिका को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ किया है कि किसी भी अधिकारी पर कोर्ट की अवमानना का मुकदमा नहीं चलेगा।
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इस दौरान केंद्र का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने कहा कि “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया जब इसके अधिकारी ऑक्सीजन की कमी दूर करने को लेकर अपने सर्वश्रेष्ठ कोशिश कर रहे हैं। अधिकारियों को जेल में रखने से ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित नहीं होगी।” उन्होंने कहा कि “केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों ही बेहतरीन प्रयास कर रहे हैं। यह प्रतिकूल नहीं है। जेल में अधिकारियों को रखने से ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित नहीं होगी। केंद्र विभिन्न राज्यों में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए एक मॉड्यूल तैयार कर रहा है।”

इस पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “मुकदमे से ऑक्सीजन सप्लाई बहाल नहीं होगी। इसलिए आप लोग काम पर फोकस करें। कई अधिकारी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं।” कोर्ट ने आगे कहा कि “अधिकारियों को जेल भेजने से या आरोप लगाने से कुछ नहीं होगा। आज आदेश को लागू करने की बात करे। आपकी क्या तैयारी है, कैसे करेंगे। अब हमें बताइए कि अब हालात कैसे बेहतर होंगे।”