उत्तर प्रदेश में स्तिथ हाथरस में हुए कथित गैंग रेप और हत्या के बाद बहुत से सवाल खड़े हो रहे हैं। प्रशासन से जुड़े कई लोगों पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। इस दौरान पीड़ित के अंतिम संस्कार के बाद घरवालों द्वारा बहुत से बड़े दावे किए गए। उसकी मां ने विशेष जांच दल (एसआईटी) पर आरोपियों के साथ ‘मिले’ होने का आरोप लगाया और साथ ही सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इस मामले को करवाने की मांग भी की। मां ने अपने बयान में कहा,”इन लोगों ने मुझे भीख मांगने के बाद भी अपनी लड़की का शरीर नहीं देखने दिया। हम सीबीआई जांच भी नहीं चाहते हैं। हम चाहते हैं कि मामले की जांच सर्वोच्च न्यायालय के जज के अधीन हो। हम नार्को टेस्ट क्यों कराएं, हमने अपना बयान कभी नहीं बदला।”
खबर मिली है कि काफी मुश्किलों के बाद हाथरस जिला प्रशासन द्वारा मीडिया को पीड़ित के गांव में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। इस दौरान पीड़िता की भाभी से बात चीत हुई। उन्होंने बात करते हुए कहा, “सबसे पहले पुलिसवालों को स्पष्ट करना चाहिए कि उस रात किसके शव का अंतिम संस्कार किया गया था। वह हमारी लड़की का शरीर नहीं था, हमने इसे नहीं देखा। हम नार्को टेस्ट क्यों कराएं? हम सच कह रहे हैं, हम न्याय मांग रहे हैं। डीएम और एसपी का नार्को टेस्ट हो। यही लोग झूठ बोल रहे हैं।”
इससे पहले खबर थी कि पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार करते समय उसके दादा वहां मौजूद थे। इस बात को गलत ठहराते हुए उसकी भाभी ने कहा,”लड़की के दादा की मृत्यु 2006 में हुई थी। कोई कैसे दावा कर सकता है कि वह दाह संस्कार के दौरान मौजूद थे?” उन्होंने कहा कि “कल एसआईटी कल (शुक्रवार को) हमारे घर नहीं आई। वे गुरुवार को आए थे और सुबह करीब 9 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक यहां थे। जिला मजिस्ट्रेट लगातार कह रहे हैं अगर लड़की की मौत कोरोनोवायरस से हुई है इसलिए हमें मीडिया से बातचीत करने और बाहर जाने से रोका गया है। हमारी लड़की का शरीर हमें क्यों नहीं दिखाया गया? हम SIT पर भरोसा नहीं करते क्योंकि वे प्रशासन के साथ मिले हुए हैं।”