केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर के इंपोर्ट पर तत्काल बैन लगाने का नोटिस जारी कर दिया है. भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग की ओर से ये नोटिस जारी किया गया है.इस नोटिस में कहा गया है कि डाक या कुरियर के माध्यम से ई-कॉमर्स पोर्टल से खरीदे गए कंप्यूटर पर्सनल कंप्यूटर, अल्ट्रा स्मॉल कंप्यूटर के इंपोर्ट के लिए इंपोर्ट लाइसेंसिंग आवश्यकताओं से छूट दी जाएगी.
सरकार की ओर से ये फैसला ऐसे समय पर लिया गया है, जब देश में मेक इन इंडिया की मुहिम चल रही है. इस फैसले से लोकल मैन्युफैक्चर्स और ऐसी विदेशी कंपनियों को फायदा होगा, जो देश में यूनिट लगातार प्रोडक्शन कर लोकल सप्लाई और दूसरे देशों को एक्सपोर्ट कर रहे हैं.
मई के महीने में जीटीआरआई की रिपोर्ट में कहा गया था कि बीते वित्त वर्ष में चीन से लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर, इंटीग्रेटेड सर्किट और सोलर सेल जैसे इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स का इंपोर्ट कम हो गया है. ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव की ओर से कहा गया कि इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के इंपोर्ट में कमी उन सेक्टर्स में ज्यादा देखने को मिली है जहां पीएलआई स्कीम शुरू की गई है. साथ ही सोलर सेल के इंपोर्ट में 70.9 फीसदी गिरावट देखने को मिली. इस दौरान लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) का इंपोर्ट 23.1 फीसदी और मोबाइल फोन का इंपोर्ट 4.1 फीसदी कम हो गया है.
लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर, मोबाइल फोन जैसे इलेक्ट्रोनिक आइटम्स के इंपोर्ट पर बैन लगाने के बाद इसका असर इकोनॉमी पर भी देखने को मिलेगा. देश का ट्रेड डेफिसिट कम होगा. साथ ही सही आइटम देश में ही बनते हैं और लोकल सप्लाई चेन के साथ ग्लोबल सप्लाई चेन में सहयोग बढ़ता है तो देश की इकोनॉमी को बूस्ट मिलेगा. मौजूदा समय में भारत का सबसे ज्यादा ट्रेड डेफिसिट चीन और अमेरिका के साथ है. वैसे भारत सरकार की ओर से यह बैन चीन को दिमाग में रखकर लगाया गया है.