नई दिल्ली: गूगल ने एक बड़े साइबर फ्रॉड ऑपरेशन का पर्दाफाश करते हुए Play Store से लगभग 300 मैलिशियस ऐप्स हटा दिए हैं। ये ऐप्स Android 13 OS की सिक्योरिटी को बायपास कर यूजर डेटा चोरी कर रहे थे और अब तक 60 मिलियन से अधिक बार डाउनलोड किए जा चुके थे।
क्यों खतरनाक थे ये ऐप्स?
IAS Threat Lab के साइबरसिक्योरिटी रिसर्चर्स के मुताबिक, इन ऐप्स का संबंध Vapor नामक एक बड़े फ्रॉड ऑपरेशन से था। ये ऐप्स न केवल यूजर्स की व्यक्तिगत जानकारी चुराते थे, बल्कि फिशिंग अटैक्स के जरिए क्रेडिट कार्ड डिटेल्स भी हासिल कर सकते थे। इसके अलावा, इन ऐप्स ने 200 मिलियन फेक ऐड रिक्वेस्ट्स जेनरेट किए, जिससे यूजर्स और विज्ञापनदाताओं को भारी नुकसान हुआ।
कैसे ठगे गए यूजर्स?
ये मैलिशियस ऐप्स दिखने में हेल्थ ऐप्स, ट्रैकिंग ऐप्स, QR स्कैनर्स और वॉलपेपर ऐप्स जैसे सामान्य ऐप्स की तरह थे। इनकी सबसे बड़ी खासियत यह थी कि ये फोन में छिप सकते थे, नाम बदल सकते थे और बैकग्राउंड में बिना यूजर इंटरैक्शन के चलते रहते थे। कई ऐप्स ने फुल-स्क्रीन विज्ञापन दिखाकर यूजर्स को गुमराह किया, जिससे उन्हें पहचानना और हटाना मुश्किल हो गया।
अब यूजर्स को क्या करना चाहिए?
- अगर आपके पास Android 13 OS वाला स्मार्टफोन है, तो इसे तुरंत लेटेस्ट वर्जन में अपडेट करें। इससे सिक्योरिटी सिस्टम मजबूत होगा और डेटा सुरक्षित रहेगा।
- अपने फोन में इंस्टॉल किए गए ऐप्स की जांच करें और संदिग्ध ऐप्स तुरंत हटा दें।
- अनावश्यक ऐप्स को अनइंस्टॉल करें और फोन में कम से कम ऐप्स रखें।
- भविष्य में ऐप डाउनलोड करते समय सतर्क रहें – केवल ट्रस्टेड डेवलपर्स के ऐप्स डाउनलोड करें, रिव्यू पढ़ें और इंस्टॉलेशन से पहले ऐप परमिशन चेक करें।
गूगल ने Gmail में जोड़ा नया AI फीचर
गूगल ने हाल ही में Gmail के लिए एक नया अपग्रेड भी जारी किया है। यह अपग्रेड ‘Most Relevant’ नामक AI-पावर्ड सर्च फीचर लाता है, जो जरूरी ईमेल्स को सबसे ऊपर दिखाता है और पुराने क्रोनोलॉजिकल ऑर्डर को हटा देता है। यह फीचर मौजूदा फिल्टर्स के साथ काम करेगा, जिससे यूजर्स अपने सर्च रिजल्ट्स को और अधिक फाइन-ट्यून कर सकेंगे।