डाक्टरों ने देश में पहली बार खाल, हड्डियों व मांस से बनाई कैंसर पीड़ित महिला की नई नाक

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कोलकाता के सरकारी सुपर सेप्शियालिटी अस्पतालों में शुमार एसएसकेएम के चिकित्सकों ने कैंसर पीड़ित एक महिला को नया जीवन दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार चरण चार के कैंसर के कारण मरीज का ट्यूमर पूरी नाक में फैल गया था। नतीजतन नाक गंभीर रूप से सूज गई थी। स्थिति इतनी विकट हो गई थी कि बदबू के कारण हर कोई आगे जाने से डरने लगा था।

59 साल की इस महिला को नई नाक मिलने वाली है। उनके शरीर के विभिन्न अंगों की खाल, हड्डियों और मांस से एक नई नाक बनाई जा रही है। कैंसर पीड़ित इस महिला को बचाने के लिए चिकित्सकों ने ट्यूमर समेत पूरी नाक को जड़ से हटा दिया है। उनके ही शरीर के अंगों से बनी एक नई नाक इसकी जगह लेने वाली है। इस प्रक्रिया को चिकित्सकीय भाषा में ‘टोटल नेजल रिकंस्ट्रक्शन’ कहा जाता है। ईएनटी, हेड एंड नेक और प्लास्टिक सर्जन, एनेस्थिसियोलाजिस्ट सहित विभिन्न विषयों के डाक्टर इसे संभव बना रहे हैं।

पीजी अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक मरीज को एक बार में नहीं, बल्कि चार चरणों में चार बार धीरे-धीरे प्रगति करते हुए एक नई नाक दी जाएगी। आपरेशन का तीसरा चरण गत गुरुवार को करीब पांच घंटे तक चला। इससे पहले आठ सितंबर को ट्यूमर से प्रभावित पूरी नाक को काट दिया गया था। 17 अक्टूबर को सर्जरी के दूसरे दौर में माथे से त्वचा को हटा दिया गया था। नाक के पैड बनाने के लिए छाती से कार्टिलेज काटा गया। तीन सप्ताह के बाद नाक का पुनर्निर्माण लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो जाएगा।

पीजी के इंस्टीट्यूट आफ ओटोलरिंगोलाजी (ईएनटी विभाग) के प्रोफेसर डा. अरुणव सेनगुप्ता ने दावा किया कि यह पहली बार है कि पूरे देश में पूरी तरह से नाक का पुनर्निर्माण या पूरी तरह से नई नाक बनाई जा रही है। इस आपरेशन का नेतृत्व करने वालों में प्लास्टिक सर्जन डा. आदित्य कनोई और हेड एंड नेक सर्जन डा. गणेश अग्रवाल शामिल हैं।