मुसीबतों से घिरे शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट में भी उनकी अपील को खारिज करते हुए बुधवार को ही फ्लोर टेस्ट करवाने का आदेश दिया गया था। लेकिन फ्लोर टेस्ट से पहले ही उद्धव ठाकरे ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद वह फेसबुक पर लाइव आए और जनता को संबिधित किया। संबोधन के दौरान उन्होंने बगावत करने वाले सभी नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिसको हमने दिया आज वो खिलाफ हैं और जिसको नहीं दिया वो साथ हैं।
जनता को संबोधित कर उद्धव ठाकरे ने कहा कि “हमने जिन रिक्शा वाले, चाय वालों को नेता, विधायक बनाया, उन्होंने ही हमें धोखा दिया। हमने उन्हें बातचीत का न्योता दिया, लेकिन वो वापस नहीं लौटे। हमने किसानों की कर्जमुक्ति माफी के काम को पूरा किया। हमने उस्मानाबाद का नाम धाराशिव कर दिया है। हमने औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर कर दिया है। हमें कुछ नहीं चाहिए, बस आशीर्वाद चाहिए. सीएम पद छोड़ने का मुझे दुख नहीं है।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि “मैं दिल से बात कर रहा हूं. चाय वाले, फेरी वाले और रेहड़ी वालों को भी शिवसेना ने अपने साथ जोड़ा और आगे बढ़ाया. अब वो बड़े होकर वो उन्हीं को भूल गए, जिन्होंने उन्हें बड़ा किया। सत्ता आने के बाद वो सारी बातें भूल गए। जब से मैं मातोश्री आया है, तब से लगातार लोग मेरे पास आ गए हैं। एक समय जो विरोध कर रहे थे, वो साथ है,जो साथ थे, वो विरोध में हैं।”
आगे बात करते हुए उद्धव ठाकरे कहते हैं कि “रिक्शावाले (एकनाथ शिंदे), पानवाले को शिवसेना ने मंत्री बनाया, यह लोग बड़े हुए और हमें ही भूल गए। मातोश्री में आने के बाद कई लोग आ रहे हैं और कह रहे है की आप लड़ो, हम आपके साथ हैं। जिन्हें दिया वो नाराज़ हैं, जिन्हें नहीं दिया वो साथ हैं। हमने अच्छा काम किया, लेकिन लगता है कि हमें किसी की नजर लग गई है। हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लोकतंत्र का हमें पालन करना चाहिए। सूरत जाने के बजाय उन्हें यहां आना चाहिए।”