PMO का फर्जी अधिकारी, लेता रहा Z+ सिक्योरिटी और सरकारी सेवा का मजा

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श्रीनगर : श्रीनगर में पकड़ा गया PMO का फर्जी अधिकारी किरण पटेल पहली बार कश्मीर दौरे पर नहीं आया था। वह लगभग छह माह के दौरान कश्मीर के चार से पांच दौरे कर चुका था। हर बार न केवल पांच सितारा होटल में सरकारी मेहमान बनकर रहा, बल्कि Z+ सुरक्षा में संवेदनशील क्षेत्रों में भी घूमता रहा और सरकारी सेवा का आनंद उठाता रहा। चेहरे पर काला चश्मा और सूट-बूट में किरण का टशन ही ऐसा था कि सरकारी अधिकारी प्रोटोकाल भूलकर उसकी जी हुजूरी में जुट जाते थे।

एक बार वह परिवार के साथ भी आया और कई दिन कश्मीर में रहा। वह जनवरी में रूस का भी दौरा कर चुका है। प्रशासनिक अधिकारी भले ही इस प्रकरण पर कुछ बोलने को तैयार न हों, लेकिन एक बात साफ है कि इस प्रकरण में प्रशासिनक व पुलिस अफसरों ने एक बार नहीं बल्कि कई बार निर्धारित प्रोटोकाल का खुला उल्लंघन किया। इसका फायदा जालसाज किरण पटेल उठाता रहा। पुलिस व प्रशासन के अलावा अर्धसैनिक बल और सेना के अफसरों को भी उसने अपनी बातों से झांसे में ले लिया। सूत्रों ने बताया कि एक बार वह उरी दौरे पर गया और कड़ी सुरक्षा के बीच भारत-पाक सीमा पर कमान अमन सेतु को देखने पहुंचा। उस दौरान उसके पास अर्धसैनिक बल की सुरक्षा थी।

एक अधिकारी ने बताया कि वह अक्टूबर 2022 में पहली बार कश्मीर आया था। संबंधित अधिकारियों ने उसे PMO कार्यालय का उच्चाधिकारी मानकर उसे जेड प्लस सुरक्षा कवच दिया था। उसे घूमने के लिए स्कार्पियो व अन्य एसयूवी वाहन प्रदान किए। उसने कश्मीर में कई अधिकारियों के साथ बैठकें कीं, जिसमें कश्मीर में निवेश की इच्छुक कंपनियों के बारे में चर्चा की गई। वह गुलमर्ग, उरी के अलावा अहरबल (कुलगाम), पुलवाम, शोपियां, बड़गाम के दुधपथरी में घूमने भी गया।

श्रीनगर में वह अक्सर बुल्वोर्ड रोड पर सैर करता था। कई अधिकारियों से मिलता था। यहां कुछ एनजीओ के साथ भी उसने कथित तौर पर संपर्क किया और कुछ समारोहों में भाग लिया। इसके अलावा किरण अग्रिम चौकियों के निरीक्षण के लिए भी पहुंचा। किरण इंटरनेट मीडिया पर खूब सक्रिय था और एक पोस्ट में उसने कश्मीर को अपनी कर्मभूमि बताया था। वह इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डालकर खुद कश्मीर आने का ऐलान करता था और नए-नए क्षेत्रों में दौरा करता था।

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