एकनाथ शिंदे की वापसी के लिए शरद पवार का सुझाव, मुख्यमंत्री पद से दें इस्तीफा…

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महाराष्ट्र में बगावत पर उतरे शिवसेना के विधायक कभी भी उद्धव ठाकरे की सरकार का तख्ता पलट सकते हैं। ऐसे में इस संकट को दूर करने के लिए शिवसेना और सहायक दल विधायकों को समझाने की कोशिशों में जुटी हुई है। हाल ही में दिए गए एक बयान में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने इस मुद्दे को हल करने का एक सुझाव दिया है। उनका कहना है कि उद्धव ठाकरे अपनी कुर्सी छोड़ दें और एकनाथ शिंदे को राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया जाए। होने कहा कि अगर ऐसा होता है तो फिर किसी को कोई आपत्ती नहीं होगी।

हालांकि इस बात के लिए उद्धव ठाकरे पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने बगावत के इस दौर में पार्टी के लिए अपना पद छोड़ने की बात कही है। कल एक फेसबुक संबोधन में उन्‍होंने कहा कि “मैं अपना इस्‍तीफा तैयार रख रहा हूं। आइए और मुझे बताइए कि क्‍या आप चाहते हैं कि मैं पद छोडूं। मैं कुर्सी पकड़ कर बैठने वालों में से नहीं हूं। जब सरकार बनी थी तब भी पवार साहेब (Sharad Pawar) ने मुझे कहा था कि मैं चाहता हूं कि सरकार को तुम ही चलाओ। पवार ने भी मुझ पर भरोसा जताया है लेकिन अगर मेरे लोग ही मेरे पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं तो मैं क्या हूं।”

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उन्होंने कहा कि “सूरत और कहीं और जाकर बात करने से अच्छा था कि वो मेरे पास आकर बात करते और मुझे कहते कि आप मुख्यमंत्री मत रहिए। तो मैं इसे ज्यादा बेहतर समझता। अगर एक भी विधायक कहता है कि उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री नहीं रहना चाहिए तो मैं आज के आज में इस्तीफा दे दूंगा। मैं कोई कुर्सी पकड़कर बैठने वाला आदमी नहीं हूं लेकिन ये कहना है कि यह हमारी शिवसेना नहीं है, ये गलत है। शिवसेना कभी भी हिंदुत्‍व को नहीं छोड़ेगी। हिंदुत्‍व हमारी पहचान है।”

खुद पर लगे आरोपों पर बातचीत करते हुए वह कहते हैं कि “मुझ पर लोगों/पार्टी जनों से नहीं मिलने के आरोप लगाए गए। जहां तक लोगों से न मिलने की बात है तो इसका कारण यह था कि मैं अस्‍वस्‍थ था और इस कारण लोगों से मिल नहीं पा रहा था। ऐसा नहीं है कि मेरे अस्‍वस्‍थ्‍य नहीं रहने के दौरान प्रशासनिक काम नही हो रहा था वह चल रहा था। लोग कहते हैं कि यह बाला साहेब की शिवसेना नहीं रही मैं पूछता हूं क्‍या फर्क है। यह अभी भी पहले वाली ही शिवसेना है।”