महाराष्ट्र में अब तक सियासी युद्ध जारी है। एक तरफ उद्धव ठाकरे का गुट है तो दूसरी तरफ बागी विधायक और अब राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गुट है। पिछले कुछ दिनों से दोनों गुट आपस में एक दूसरे को गिराने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उद्धव ठाकरे गुट ने हार नहीं मानी है। वह अब भी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। जिसके लिए एक बार फिर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। जानकारी के अनुसार उन्होंने एकनाथ शिंदे गुट को सरकार बनाने के राज्यपाल के न्योते को चुनौती दी है।
उद्धव ठाकरे के गुट का कहना है कि 16 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई अभी लंबित है। जिसके चलते वह विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकते थे। लेकिन उन्होंने फिर भी कार्यवाही में हिस्सा लिया और एकनाथ शिंदे ने बहुमत साबित की। इस बीच एकनाथ शिंदे राज्य के मुख्यमंत्री बने और देवेंद्र फडणवीस को राज्य का उपमुख्यमंत्री बनाया गया। जिसके बाद फिर अब उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर दस्तक दी है।
इससे पहली हुई एक सुनवाई में उद्धव ठाकरे खेमे ने गवर्नर के राजनीतिक होने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि ” ये कहना गलत होगा कि गवर्नर पॉलिटिकल नहीं हो सकता। इन्हीं गवर्नर ने सालों तक 12 सदस्यों को नॉमिनेट नहीं होने दिया। गवर्नर ने किसी भी विधायक से बात तक नहीं की। यहां तक कि मुख्यमंत्री से बात तक नहीं की और एकतरफा फैसला ले लिया था। राज्यपाल कोई देवदूत नहीं हैं, वे इंसान हैं और इसलिए पहले भी एसआर बोम्मई और रामेश्वर प्रसाद आदि मामलों में न्यायालय के फैसले आए हैं।”