भूकंप से तिब्बत में तबाही, कई इमारतें धराशाई, 36 लोगों की मौत

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देश के कई राज्यों सहित नेपाल, चीन से लेकर तिब्बत तक मंगलवार तड़के भूकंप के तेज झटके महसूस हुए। नेपाल में तेज भूकंप आने के चलते बिहार में भी धरती डोली। बिहार के कई जिलों में इसका असर दिखा। वहीं, तिब्बत में भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान देखने को मिला है। वहां कई इमारतें धराशाई हो गई हैं, जिससे 36 लोगों की मौत हो गई और 38 लोग घायल बताए जा रहे हैं।
यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, भूकंप तिब्बत के शिजांग में रहा। भूकंप के झटके नेपाल और भारत के बिहार, असम और सिक्किम में भी महसूस हुए। वहीं, बंगाल के मालदा और कुछ और इलाकों में भी धरती हिली। तिब्बत में रुक-रुक कर झटके महूसस किए जा रहे हैं।
जब भूकंप आया, उस समय मैं सो रही थी। बिस्तर हिल रहा था और मुझे लगा कि मेरा बच्चा बिस्तर हिला रहा है। मैंने इस पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया, लेकिन खिड़की के हिलने से मुझे लगा कि यह भूकंप है। फिर मैंने जल्दी से अपने बच्चे को बुलाया और घर से बाहर निकलकर खुले मैदान में आ गई। मैं अभी भी डर के मारे कांप रही हूं और सदमे में हूं।
एक अन्य निवासी बिप्लोव अधिकारी ने कहा कि मैं शौचालय में थी, मैंने देखा कि दरवाजा हिल रहा था। भूकंप महसूस होते ही मैं जल्दी से नीचे खुली जगह पर आ गई। मेरी मां भी डर गई थीं। दरअसल, पृथ्वी की चार प्रमुख परतें हैं, जिसे इनर कोर, आउटर कोर, मेंटल और क्रस्ट कहते हैं। जानकारी के अनुसार, पृथ्वी के नीचे मौजूद प्लेट्स घूमती रहती हैं, जिसके आपस में टकराने पर पृथ्वी की सतह के नीचे कंपन शुरू होता है। जब ये प्लेट्स अपनी जगह से खिसकती हैं तो भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।