डॉलर की तुलना में और सस्ता हो सकता है रुपया, अगर और गिरे दाम तो क्या होगा इसका असर.?

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रूस और यूक्रेन के बीच चल रही इस जंग से सबसे ज्यादा नुकसान भारत को हो रहा है। इस युद्ध के लिए भारत को बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। बता दें कि बीते कुछ समय से डॉलर के मुकाबले रुपये (Rupee) में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है और अभी भी ये सिलसिला जारी रहा तो महंगाई और भी ज्यादा बढ़ने की संभावना है। सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया अपने निचले स्तर 77 रुपये के स्तर तक जा गिरा है। यह लगातार चौथा सत्र था जब मुद्रा कमजोर हुई है। बता दें कि अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों द्वारा रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाने की खबरों पर कच्चे तेल के ताजा उछाल के बाद ही रूपये में गिरावट दर्ज की जा रही है।

गोरतलब हैं कि दुनिया भर में भारत ऐसा दूसरा देश है जो सबसे ज्यादा ईंधन इंतेमाल करता है। सरकारी तेल कंपनियां डॉलर में कच्चा तेल खरीदती हैं। तो जब डॉलर के दाम बढ़ेंगे तो रुपया अपने आप सस्ता हो जाएगा। ऐसे में देश में महंगाई होना लाजमी है। बीते कुछ समय से ही मुद्रा बाजार में उतार चढाव देखने को मिल रहा था। लेकिन यूक्रेन और रूस की जंग शुरू होने के बाद और भी ज्यादा बढ़ गया और ये तब तक नहीं थमने वाला जब तक दोनों देशों के बीच ये युद्ध जारी है।
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बताया जा रहा है कि इस साल रूपया 80 से 82 तक गिर जाएगा। इसको लेकर जेनिथ फिनकॉर्प (Zenith FinCorp) के सीईओ सौरभ गोयनका ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “हम CY22 में रुपये को 80 डॉलर प्रति अमेरिकी डॉलर तक गिरते हुए देख सकते हैं। बहुत ज्यादा संभावना है कि फेड की तुलना में RBI अधिक उदार होकर सरकारी राजकोषीय उधार कार्यक्रम को सपोर्ट करे। गिरता हुआ रुपया सिस्टम में रुपये की तरलता बनाता है, जिससे कि विदेशी निवेशकों को लोकल डेट (local debt) की तरफ आकर्षित होते हैं।” बता दें कि अगर रूपये के दाम ऐसे ही गिरते रहे तो कंप्यूटर, इम्पोर्टेड मोबाइल और सोना महंगा हो जाएगा। इसके अलावा आरबीआई ब्याज की दरों में इजाफा कर सकता है।