कोरोना वायरस के इस बढ़ते संकट के बीच वैक्सीन का मुद्दा खूब चर्चा में हैं। कई राज्य ऐसे हैं जहां वैक्सीन की कमी का कारण कई वैक्सीनेशन केंद्र बंद कर दिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक फिलहाल देश में 2 वैक्सीन ही इस्तेमाल में ली जा रही हैं। देश में सिर्फ सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। हर इंसान को इनकी 2 डोज लेना जरूरी है। रिसर्च के बाद पता चला कि पहली और दूसरी डोज के बीच 4 हफ्तों का अंतर होना जरूरी है।
जानकारी मिलने के कुछ दिनों बाद सरकार ने दोनों डोज के बीच का अंतर बढ़ाने की सलाह दी। इसको 6-8 हफ्ते कर दिया गया। अब जब देश में वैक्सीन की कमी हो रही है तब सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) ने दोनों टीकों के बीच का अंतर और ज्यादा बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहना है कि दोनों डोज के बीच 12-16 हफ्ते का अंतर रहना चाहिए। हालांकि वैक्सीन के अंतर को लेकर केंद्र पहले ही अपना बयान दे चुकी है। केंद्र ने कहा था कि “अगर कोविशील्ड छह से आठ हफ्तों के बीच में दिया जाए तो सुरक्षा बढ़ जाती है, लेकिन ज्यादा गैप नहीं होना चाहिए।”
इस बीच वैक्सीन के मुद्दे को लेकर कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने केंद्र पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने लिखा कि “पहले ऐसा था कि दूसरी डोज़ चार हफ्तों में लेनी है। फिर इसे पहले 6-8 हफ्ते किया गया और अब 12-16 हफ्ते कर दिया गया है। क्या ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक नहीं है या फिर इसलिए क्योंकि प्रोफेशनल साइंटिफिक सलाह ऐसा कहती है? क्या हम मोदी सरकार से किसी तरह की पारदर्शिता की उम्मीद कर सकते हैं?” बता दें कि वैक्सीन की कमी की वजह से कई राज्यों में टीकाकरण का तीसरा चरण भी शुरू नहीं किया गया है। हालांकि सरकार ने तीसरे चरण को शुरू करने का आदेश जारी कर दिया है।