देश में चल रही कोयले की किल्लत पर बोले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, “देश की स्थिति नाजुक है…”

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देश के कई बड़े राज्यों में कोयले की किल्लत के मामले सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि कोयले की कमी के कारण अब देश के कई राज्यों में बिजली संकट पैदा हो सकता है। इन राज्यों में सबसे ऊपर नाम देश की राजधानी दिल्ली का है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली में केवल 3 से 4 दिन स्टॉक रह गया है। लेकिन केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह का कहना है कि ये सिर्फ एक अफवाह है। लोगों को डराने के लिए ऐसा बोला जा रहा है। लेकिन अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस संकट को लेकर एक बयान जारी किया है। इस बयान में उन्होंने कहा है कि हम जल्दी ही इस संकट का हल निकाल लेंगे।

राज्य में कोयले की कमी को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि “हम केंद्र के साथ मिलकर पूरी कोशिश कर रहे हैं। हम नहीं चाहते किसी भी तरह की आपात स्थिति पैदा हो। इस समय पूरे देश में स्थिति काफी नाजुक है। कई मुख्यमंत्री इस बारे में केंद्र सरकार को पत्र लिख चुके हैं।” बता दें कि इस संकट को लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। अपने इस बयान से पहले सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस संकट की जानकारी दी थी।
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उन्होंने अपने पत्र में लिखा था कि “दिल्‍ली शहर अगस्त से कोयले की कमी का सामना कर रहा है। मैं आपका ध्यान कोयले की कमी की स्थिति पर आकृष्ट कराना चाहता हूं जो अगस्त/सितंबर से जारी है और अब तीन महीने होने जा रहे हैं। इस पर आप कोई ठोस कदम उठाएं।” केजरीवाल के साथ साथ कई मंत्रियों ने भी इस मामले को लेकर आवाज उठाई। दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस दौरान केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “पूरे देश में बिजली के कट क्यों लग रहे हैं? हमें जानकारी नहीं है। योगी आदित्यनाथ को तो जानकारी होगी, वे तो उन्हीं के मुख्यमंत्री हैं, वे पत्र क्यों लिख रहे हैं।”

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि देश में अब कोयले की काफी किल्लत हो गई है। जिसके कारण सारे प्लांट 55-50 फीसदी क्षमता पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि “किसी भी पावर प्लांट में 15 दिन से कम का स्टॉक नहीं होना चाहिए। अभी ज्यादातर प्लांट में 2-3 दिन का स्टॉक बचा है। एनटीपीसी (NTPC) के सारे प्लांट 55-50 फीसदी क्षमता पर काम कर रहे हैं। कोयले की बहुत बड़ी समस्या इस समय है। साथ ही कहा कि पहले हमें 4000 मेगावाट बिजली मिलती थी, लेकिन अब आधी भी नहीं मिल रही।”