पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने नंदीग्राम सीट (Nandigram Seat) पर भाजपा के शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) के जीत को कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिसको लेकर आज सीएम ममता बनर्जी ने इस मामले की सुनवाई वर्चुअली की। बता दें कि चुनाव आयोग ने नंदीग्राम विधानसभा सीट पर फिर से मतगणना कराने के तृणमूल कांग्रेस के अनुरोध को पहले ही खारिज कर दिया था। जिसके बाद ममता बनर्जी ने कोर्ट का रुख किया था। ममता बनर्जी ने अपनी एक याचिका में न्यायमूर्ति कौशिक चंदा को ‘हितों के टकराव’ के चलते मामले से बाहर करने की मांग की थी।
बता दें कि इस दौरान ममता बनर्जी के वकील ने कहा कि “न्यायाधीश को अपने पद से हटना चाहिए क्योंकि हितों का टकराव का मामला है। ममता चाहती हैं कि इस मामले को दोबारा किसी और अदालत को सौंपा जाए।” गौरतलब हैं कि इस मामले पर न्यायमूर्ति चंदा ने 16 जून को सुनवाई की थी। इस सुनवाई के बाद इस मामले को 24 जून तक टाल दिया था। सूत्रों का कहना है कि आज याचिका पर सुनवाई के दौरान ममता बनर्जी का कोर्ट में मौजूद होना जरूरी था। अगर ममता बनर्जी आज सुनवाई में शामिल नहीं होती तो शायद कोर्ट याचिका को खारिज कर सकती थी।
ममता बनर्जी द्वारा कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा गया था। जिसमें उन्होंने इस मामले को किसी और को सौंपने की मांग की थी। इस पत्र में उन्होंने इसके 2 कारण बताए। जिसमें से एक कारण था कि न्यायमूर्ति कौशिक चंदा अतीत में बीजेपी से जुड़ी थीं। इसलिए ममता ने पक्षपात की आशंका जताई और केस को किसी और को सौंपने की अपील की। उन्होंने कहा कि “केस में दूसरे पक्ष का व्यक्ति भी बीजेपी से ही है। मैं पक्षपात की संभावना को अच्छे से समझती हूं।”