कोरोनावायरस का संकट दुनिया भर में बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि अब इस वायरस थोड़ा काबू पा लिया गया है। जिसके कारण इसकी बढ़ती रफ्तार अब धीमी हो चुकी है। शुरुआती दौर में इसकी रफ्तार काफी तेज़ थी। बता दें कि इस वायरस से ठीक होने के बाद भी इसका खतरा कम नहीं हुआ है। कोरोना वायरस से होने वाले प्रभाव को लेकर विशेषज्ञ हर दिन नई जानकारी दे रहे हैं। खबर है कि कोरोनावायरस से ठीक हुए मरीजों को लंग्स (Lungs) की बीमारी हो रही है।
डॉक्टरों के मुताबिक कोरोनावायरस इंसान के फेफड़ों पर वार करता है। जिसकी वजह से काफी दिक्कतें होती हैं। कोरोनावायरस की चपेट में आ चुके लोगों में न्यूमोथोरैक्स (Pneumothorax) की परेशानी पाई जा रही है। बता दें कि न्यूमोथोरैक्स लंग्स की एक बीमारी है। जिसमें फेफड़े इतने ज़्यादा कमजोर हो जाते हैं कि उसमें छेद होने लगते हैं। परेशान करने वाली बात तो यह है कि अभी तक इस बीमारी का कोई इलाज नहीं मिल सका है।
बता दें कि कोरोनावायरस इंसान के फेफड़ों पर सीधा असर करता है। जिसके कारण फेफड़ों में फाइब्रोसिस हो रहा है। यानी हवा वाली जगह पर म्यूकस का जाल बन रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि जब फाइब्रोसिस की संख्या बढ़ जाती है तो न्यूमोथोरैक्स का खतरा भी बढ़ता जाता है। मिली जानकारी के मुताबिक गुजरात में इस तरह के कुछ मामले देखने को मिले हैं। डॉक्टर्स ने बताया कि ये सभी मरीज़ 4-5 महीने पहले ही कोरोनावायरस से रिकवर हुए हैं। लेकिन अब इनको फेफड़ों में फाइब्रोसिस की शिकायत है। न्यूमोथोरैक्स के मरीजों को सीने में तेज दर्द, सांस लेने में दिक्कत, सीने में जकड़न और अपच की शिकायत होती है। अगर इस पर समय पर काबू न किया जाए तो इंसान की मौत भी हो सकती है।