देश में कोरोना की दूसरी लहर का असर अब धीरे धीरे कम होता जा रहा है। एक समय वो था जब हर रोज देश में लाखों लोग संक्रमित हो रहे थे। लेकिन अब ये संख्या हजारों में आ पहुंची है। जानकारी के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर में मामले 4 लाख को भी पर पहुंच गए थे। लेकिन अब ये संख्या 62,480 है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार बीते दिन 62,480 कोरोना के मामले सामने आए हैं। इस बीच देश के प्रधान मंत्री का कहना है कि अभी भी देश कोरोना संकट से सुरक्षित नहीं है। ये वायरस अभी भी हम लोगों के बीच है और कभी भी इसका कहर देखने को मिल सकता है।
उन्होंने कहा कि हमें और भी ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि देश को इस खतरे से बचाने के लिए आज से एक लाख फ्रंटलाइन ‘कोरोनावर्रियर’ तैयार करने का महाअभियान शुरू हो रहा है। इस अभियान के तहत एक ‘क्रैश कोर्स’ कार्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है। जिसके बारे में पीएम मोदी ने खुद बताया है। उन्होंने कहा कि “कोरोना की दूसरी वेब में हमने देखा कि कोरोना वायरस का बार बार बदलता स्वरूप हमारे सामने किस तरह की चुनौती सामने ला सकता है। यह वायरस हमारे बीच अभी भी है और इसके म्यूटेट होने की आशंका है, इसलिए हर इलाज और हर संभावना के साथ हमें अपनी तैयारियों को और ज्यादा बढ़ाना होगा।”
उन्होंने कहा कि “इस महामारी ने दुनिया को हर देश, संस्था, समाज, परिवार, इंसान के सामर्थ को, उसकी सीमा को बार बार परखा है। इस महामारी ने हमें अपनी क्षमताओं का विस्तार करने के लिए सतर्क भी किया है। आज देश के दूर-सुदूर के क्षेत्रों में अस्पतालों में पीपीई किट, ऑक्सीजन कंसनट्रेटर्स पहुंचाने का काम तेजी से किया जा रहा है।” आगे बात जारी रखते हुए पीएम ने कहा कि “डेढ़ हजार से ज्यादा ऑक्सीजन प्लांट बनाने का काम युद्ध स्तर जारी है, हिंदुस्तान के हर जिले तक पहुंचने का एक भगीरथ प्रयास किया जा रहा है, इस प्रयास के बीच स्किल्ड मेनपावर का पूल होना, इसमें नए लोगों का जुड़ते रहना भी जरूरी है। इसीलिए एक लाख से अधिक लोगों को ट्रेंड करने का लक्ष्य रखा गया है, यह कोर्स दो-तीन महीने में ही पूरा हो जाएगा, इसलिए ये लोग तुरंत काम के लिए उपलब्ध हो जाएंगेऔर एक ट्रेंड सहायक के रूप में वर्तमान व्यवस्था को सहायता देंगे।”
पीएम मोदी ने कहा कि “हर राज्य और यूटी की मांग के आधार पर देश के टॉप विशेषज्ञों ने यह क्रेश कोर्स डिजाइन किया गया है। आज छह नए कस्टमाइज कोर्स लांच किए जा रहे हैं। इस अभियान से कोविड से लड़ रही हमारे फ्रंटलाइन फोर्स को नई ऊर्जा मिलेगी और नौजवानों को रोजगार के लिए अवसर भी बढ़ेंगे। हेल्थ सेक्टर के लोगों ने कोरोना से निपटने के लिए अपनी स्किल को अपग्रेड या वेल्यूएड किया है और समय की यही मांग है। जिस तरह से तकनीक जीवन के हर क्षेत्र में प्रवेश कर रही है, हमें अपने को लगातार अपडेट करते रहने की जरूरत है।”