कोरोना के बाद अब डेंगू का कहर, दिल्ली-NCR में दर्ज हुए इतने मामले, टूटा कई सालों का रिकॉर्ड…

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पिछले कुछ समय से देश की राजधानी में कोरोना का संकट छाया हुआ था। लेकिन अब जब ये खतरा कम हो गया है तो डेंगू ने ग्रस्त मजबूत कर ली है। पिछले कुछ समय से दिल्ली में डेंगू के कई सारे मामले सामने आ चुके हैं। जिसको देख अब सरकार भी चिंतित हो चुकी है। बता दें कि बारिश के कारण दिल्ली एनसीआर में जगह जगह जलभराव है। जिसके कारण मच्छर काफी देखने को मिल रहे हैं। रिपोर्ट्स की माने तो पिछले महीने में ही दिल्ली में डेंगू के 600 से ज्यादा मामले देखे गए था और इस महीने ये संख्या और भी ज्यादा बढ़ गई है।

बताया जा रहा है कि इस महीने की 10 तारीख तक दिल्ली एनसीआर में डेंगू के मामले 1200 से भी पार पहुंच चुके हैं। ये मामले पिछले कुछ सालों में सबसे ज्यादा मामले हैं। आपको बता दें कि इस बार लोगों में केवल बुखार की समस्या देखी जा रही है, ज्यादा लोगों को अब तक अस्पताल में भर्ती करने की नौबत नहीं आई और न ही अब तक डेंगू से किसी की मौत का मामला सामने आया है। गाजियाबाद के वैशाली में वन स्टेप क्लिनिक चलाने वाले डॉ अभिषेक कुमार ने डेंगू पर खुलकर बात की है।

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अभिषेक बताते हैं कि “डेंगू फीवर 3 तरह के होते हैं, जिसमें से दो बुखार बेहद खराब माने जाते हैं। तीन तरह के बुखार जैसे की क्लासिकल डेंगू फीवर, डेंगू हैमरेजिक फीवर (डीएचएफ), डेंगू शॉक सिंड्रोम (डीएसएस)। इन तीनों में से सबसे ज्यादा खराब डीएचएफ और डीएसएस होता है। इन दो तरह के डेंगू से ग्रस्त मरीजों को अगर जल्द ही हॉस्पिटल में एडमिट नहीं कराया गया तो उसकी मौत हो सकती है। इस साल लोगों में डेंगू को लेकर काफी डर है।”

वह आगे कहते हैं कि “डेंगू से बचाव के लिए सबसे बेहतर तरीका है लोगों में जागरूकता और सतर्कता लाने की। डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है। इस बार डेंगू के मामले तो अधिक आ रहे हैं, लेकिन अच्छी बात यह है कि इस बार उतना गंभीर नहीं है। लगभग 80-90 प्रतिशत मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है। इस बार यह अधिकतर मामलों में बुखार तक सीमित है। कुछ ही मरीजों को प्लेट्लेट्स देने की जरूरत पड़ रही है।”