रेप प्रकरण में दून पहुंचने पर पूर्व मंत्री और भाजपा नेता हरक सिंह रावत जब मीडिया के सामने पहुंचे तो फूट-फूट कर रो पड़े। रोते-रोते हरक ने अपनी सफाई भी दे डाली। इस दौरान हरक इमोशनल कार्ड खेलने से नहीं चूके। बोले कि मैं सिपाही का बेटा हूं। 1977 से सड़कों पर संघर्ष करके यहां तक पहुंचा हूं।
कहा कुछ लोग मुझे सामाजिक तौर पर बदनाम कर मेरा राजनीतिक करियर बरबाद करना चाहते हैं। हालांकि मीडिया के बार-बार पूछने पर भी उन्होंने मुख्यमंत्री हरीश रावत का नाम नहीं लिया। बोले किसी का नाम लेकर गिरकर राजनीति नहीं करना चाहता।
शुक्रवार को हरक सिंह रावत पर जब प्रेस कांफ्रेंस में पहुंचे तो उनकी बॉडी लैंग्वेज बदली नजर आई। हमलावर तेवर छोड़कर बचाव और सफाई के अंदाज में अपनी बात कहते नजर आए।
हरक बोले मैं दूध का धुला नहीं हूं पर उन्हें उस बात की सजा मिल रही है जो उन्होंने की ही नहीं। कहा उस महिला की शक्ल मैने टीवी पर देखी। हरक ने कहा वह इस मामले को जनता की अदालत में ले जा रहे हैं। प्रदेश में घिनौनी राजनीति हो रही है। इसके बाद हरक ने रेप का आरोप लगाने वाली महिला के मैसेज और फोन की सिलसिलेवार टाइमिंग बतानी शुरू की।