पाकिस्तान में आतंकवाद को लेकर वहां के शीर्ष नेताओं ने एक के बाद एक चौंकाने वाले बयान दिए हैं। पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने माना है कि पाकिस्तान में आतंकवाद पनपा है और इसकी कीमत देश को लंबे समय तक चुकानी पड़ी है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी मां बेनज़ीर भुट्टो की हत्या उन्हीं आतंकवादियों ने की थी, जिन्हें कभी पाकिस्तान ने संरक्षण दिया था।
स्काई न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में बिलावल भुट्टो ने कहा, “यह कोई राज़ नहीं है कि पाकिस्तान का एक अतीत रहा है। हमने इसकी भारी कीमत चुकाई है। चरमपंथ की लहरों से गुजरते हुए हमने सबक सीखा और अब यह इतिहास बन चुका है। हम अब उस राह पर नहीं हैं।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी स्काई न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में कबूल किया था कि “पाकिस्तान ने तीन दशकों तक अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए आतंकवाद के खिलाफ गंदा काम किया। यह हमारी बड़ी गलती थी, जिसकी सजा हमने भुगती है। यह विवादास्पद स्वीकारोक्ति ऐसे समय पर आई है जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भीषण आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने ली है।
गुरुवार को मीरपुरखास में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भुट्टो ने फिर कहा कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन अगर भारत की तरफ से कोई उकसावा हुआ, खासकर सिंधु जल समझौते से जुड़ा, तो पाकिस्तान जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन कोई हमारे सिंधु पर हमला करेगा, तो उसे मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। पाकिस्तान के शीर्ष नेताओं के इन बयानों ने एक बार फिर उस पर सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या पाकिस्तान अब भी आतंकवाद के खिलाफ पूरी तरह ईमानदार है या फिर यह सिर्फ अंतरराष्ट्रीय दबाव में दी जा रही प्रतिक्रियाएं हैं।