राजस्थान के उदयपुर में चल रहे कांग्रेस के चिंतन शिविर को दो दिन पूरे हो गए हैं और आज इसका तीसरा और आखिरी दिन है। बीते दो दिनों में कई अहम बातें निकल कर सामने आईं हैं। लेकिन फिलहाल हम बात करने वाले हैं लोकसभा चुनाव की तैयारियों की, कांग्रेस पार्टी इस बार चुनाव जीते के लिए हर शर्त मंजूर कर रही है। ये ही वजह है कि पार्टी ने असंतुष्ट नेताओं को मनाने के लिए उनकी एक अहम मांग को कुबूल कर लिया है। इससे बाकी नेताओं को झटका तो लगा है लेकिन पार्टी का मानना है कि ये कारगर साबित होगा।
बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने चिंतन शिविर के दूसरे दिन कांग्रेस संसदीय बोर्ड को गठित करने की मांग को स्वीकार कर लिया है। इसकी मांग पार्टी के असंतुष्ट नेता काफी लंबे समय से कर रहे थे। लेकिन पार्टी ने इसको मंजूरी देने से इंकार कर दिया था। लेकिन अब खुद पार्टी ने ही इसके लिए हामी भर दी है। हालांकि इस फैसले को अमलीजामा पहनाने के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की मंजूरी की जरूरत होगी, जो पार्टी की शीर्ष निर्णय़कारी संस्था है। इसके साथ ही आपको बता दें कि अभी तक ये डिसाइड नहीं हो सका है कि कांग्रेस संसदीय बोर्ड के लिए चुनाव होगा या इनके सदस्यों का चयन पार्टी खुद करेगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये बोर्ड चुनाव समिति की जगह लेगा और लोकसभा-विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों का चयन करेगा। इसके साथ ही बता दें कि शिविर में राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की मांग ने भी जोर पकड़ा। पार्टी के कई नेता उनके सपोर्ट में खड़े हुए। लेकिन इस बीच कुछ नेताओं ने इसका विरोध भी किया।