चीनी मीडिया की रिपोर्ट्स के बाद भारत ने ब्रह्मपुत्र नदी पर निगरानी बढ़ाई, विदेश मंत्रालय ने दिया बयान..

0
145

नई दिल्ली. चीनी मीडिया (Chinese Media) में इस तरह की रिपोर्ट्स आयी थीं कि चीनी सरकार ब्रह्मपुत्र नदी (Brahmaputra River) पर बड़ा हाइड्रोपावर निर्माण करने जा रही है. इन रिपोर्ट्स के बाद विदेश मंत्रालय ने प्रेस कांफ्रेंस की है. मंत्रालय ने इस सिलसिले में कहा है कि सरकार ब्रह्मपुत्र में हो रहे कामों की निगरानी कर रही है. वहीं, इस वार्ता में पाकिस्तान जेल में बंद कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) को लेकर भी मंत्रालय की तरफ से बात की गई. भारत ने पाकिस्तान पर जाधव के केस को दूसरे मामले से जोड़ने के आरोप लगाए हैं.

मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि पानी के स्थापित उपयोगकर्ता के अधिकारों के साथ निचले तटवर्ती इलाके होने के चलते हम लगातार चीन के सामने अपनी बातें रख रहे हैं. श्रीवास्तव ने कहा, ‘हमने उनसे अपील की है कि पहले यह सुनिश्चित करें कि ऊंचे इलाकों पर होने वाली गतिविधियों की वजह से निचली धाराओं वाले क्षेत्रों पर असर नहीं होगा.’ मंत्रालय के मुताबिक, चीन ने हमें जानकारी दी है कि वह केवल रीवर हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट्स (Hydropower Projects) पर काम कर रहे हैं, जिसमें ब्रह्मपुत्र के पानी का डायवर्जन शामिल नहीं है.

इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने यह साफ किया है कि भारत लगातार चीन के साथ ट्रांसबॉर्डर नदियों को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा हुई है. मंत्रालय ने कहा कि कूटनीतिक माध्यमों के साथ-साथ हम 2006 में स्थापित एक्सपर्ट लेवल के तंत्र के तहत हम चीन से ट्रांसबॉर्डर नदियों से जुड़े मुद्दों पर बात कर चुके हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारे हितों की रक्षा के लिए हम आगे भी चीन के साथ बातचीत में बने रहेंगे.’ विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान पर कुलभूषण जाधव और मोहम्मद इस्माइल (Mohammad Ismail) के मामले को आपस में जोड़ने के आरोप लगाए हैं. इस्माइल भारतीय कैदी हैं.

मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव के मामले को दूसरे केस से जोड़ने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने बताया कि एक और भारतीय कैदी मोहम्मद इस्माइल की रिहाई से जुड़े मामले के लिए हमारी हाईकमीशन ने शाहनवाज नून (Shahnawaz Noon) को चुना था. मंत्रालय ने कहा कि इस्माइल के मामले की सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के एटॉर्नी जनरल ने जाधव से जुड़ा मामला उठाया, जबकि ये दोनों केस आपस में बिलकुल अलग हैं.. मंत्रालय के अनुसार, ऐसा पता चला है कि नून को हमारे सीडीए को लेकर गलत बयान देने के लिए मजबूर किया गया है. यह बयान इस केस में हमारे मत के खिलाफ है.