केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने बयान में कहा था कि भारत सरकार ‘मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप पर भारत के नागरिकों की निजता के उल्लंघन को लेकर चिंतित है।’ इस पर अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया में व्हाट्सएप के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी सभी भारतीय नागरिकों की निजता की सुरक्षा की ज़रूरत के बारे में भारत सरकार के कड़े बयान से सहमत है।
प्रवक्ता का कहना है कि इसी वजह से हमने साइबर हमलावरों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही की है। व्हाट्सएप सभी उपभोक्ताओं के मैसेजेस की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। जबकि भारत के गृह मंत्रालय ने व्हाट्सएप विवाद पर एक अलग बयान जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि सरकार निजता के अधिकार सहित नागरिकों के मूल अधिकारों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। और उसके उल्लंघन के लिए ज़िम्मेदार किसी भी मध्यस्थ के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई के लिए भी प्रतिबद्ध है।
जबकि फ़ेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप के प्रवक्ता का कहना है कि, वो पूरी कोशिश कर रहे हैं कि किसी भी यूज़र के डेटा के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ ना हो सके। बता दें कि भारत सरकार को जासूसी मामले में व्हाट्सएप पर साजिश कराने का शक है। सूत्रों से प्राप्त ख़बरों के अनुसार, टेलीकॉम मंत्रालय लगातार व्हाट्सएप से मैसेज के सोर्सेज सुरक्षा एजेंसियों को डिस्क्लोज़ करने की मांग कर रहा है। लेकिन हर बार प्राइवेसी का हवाला देकर व्हाट्सएप ने सरकार की बात को नज़रअंदाज़ कर दिया था। इसके अलावा यूएस, यूके और ऑस्ट्रेलिया भी अब भारत की मांग के बाद व्हाट्सएप पर दबाव बना रहे हैं।