रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में उनके कृत्य को सजा का हकदार माना है। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कहा गया है कि अब तक की जांच के आधार पर, सिंह पर मुकदमा चलाया जा सकता था।
साथ ही उनको यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और पीछा करने जैसे अपराधों के लिए दंडित किया जा सकता था। 13 जून को दाखिल चार्जशीट में इस बात का भी उल्लेख है कि सिंह ने पहलवानों का बार-बार यौन उत्पीड़न करना जारी रखा। बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ 6 महिला पहलवानों के शिकायत की थी। इसमें सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया था।
दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद बृजभूषण के खिलाफ 15 जून को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 (किसी महिला की गरिमा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत एक आरोपपत्र दाखिल किया था। इन मामलों में दोषी साबित होने पर बीजेपी नेता को पांच साल की जेल की सजा हो सकती है।
इससे पहले 7 जुलाई को दिल्ली की राऊज एवेन्यू अदालत ने बीजेपी सांसद बृज भूषण सिंह को देश की प्रमुख महिला पहलवान खिलाड़ियों की तरफ से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में तलब किया था। राउज़ एवेन्यू अदालत की तरफ से जारी समन में उन्हें 18 जुलाई को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है।
इसके अलावा, सिंह के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर को भी अदालत ने तलब किया है। तोमर पर IPC की धारा 109 (उकसाने वाले अधिकारी), 354, 354ए, 506 (आपराधिक धमकी) के तहत अपराध का आरोप लगाया गया है। कथित तौर पर, आरोप पत्र में लगभग 200 गवाहों के बयान शामिल हैं।