कोरोना काल के दौरान गरीबों की मदद कर बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद (Sonu Sood) गरीबों के मसीहा बन गए। उन्होंने लॉक डाउन के बीच बहुत से जरूरतमंदों की मदद की। दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाया। जिसके चलते वह गरीबों के रियल लाइफ हीरो बन गए। हाल ही में बृह्नमुंबई महानगरपालिका (BMC) ने सोनू सूद को एक नोटिस जारी किया था। जिसमें लिखा था कि सोनू सूद ने बिना अनुमति के आवासीय इमारत को होटल में तब्दील कर दिया है। बीएमसी ने कथित तौर पर उनके बिना इजाजत के अवैध रूप से बदलाव करने का आरोप लगाया था।
बीएमसी के इस नोटिस को लेकर एक्टर ने बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर रुख किया। उन्होंने इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की। अपनी इस याचिका में उन्होंने लिखा कि “मैंने अपनी छह मंजिला शक्तिसागर इमारत में किसी भी तरह का अवैध या अनाधिकृत निर्माण नहीं कराया है। इमारत में केवल वही बदलाव किए गए हैं। जिसकी महाराष्ट्र क्षेत्रीय एवं नगर योजना (MRTP) अधिनयम के तहत परमिशन है।” इस याचिका पर सुनवाई कर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोनू सूद को राहत दी है।
एक्टर द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने बीएमसी को 13 जनवरी तक कोई कार्रवाई ना करने के निर्देश जारी किए हैं। बता दें कि इससे पहले सोनू सूद ने बीएमसी के नोटिस पर दीवानी अदालत की ओर रुख किया था। लेकिन वहां से उन्होंने कोई राहत नहीं मिली। जिसके बाद एक्टर ने बीएमसी के इस नोटिस को बॉम्बे हाईकोर्ट में चैलेंज किया। बॉम्बे हाईकोर्ट से अब एक्टर को राहत मिली है।