बीजेपी नेता की इस याचिका पर भड़की सुप्रीम कोर्ट, कहा “इसके लिए हम जुर्माना लगा देंगे..”

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वैसे तो कोर्ट में कई तरह की याचिका दायर की जाती हैं। लेकिन ऐसी याचिका बहुत ही कम होती हैं, जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस आग बबूला हो जाएं। हाल ही में भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने धर्म परिवर्तन और काले जादू के खिलाफ एक याचिका दायर की थी। जिसकी सुनवाई करते हुए जस्टिस आर एफ नरीमन गुस्सा हो गए और बोले कि ये नुकसान पहुंचाने वाली याचिका है। इसके लिए हम आप पर जुर्माना लगा देंगे। हालांकि जस्टिस के नाराजगी के बात याचिकाकर्ता ने याचिका को वापस ले लिया।

बता दें कि दायर की गई याचिका में अवैध धर्म परिवर्तन और काले जादू के रोकने की मांग की गई थी। याचिका में लिखा गया था कि “जबरन धर्म परिवर्तन और इसके लिए काले जादू के इस्तेमाल पर रोक लगाई जानी चाहिए। धर्मांतरण के लिए साम, दाम, दंड, भेद का उपयोग किया जा रहा है। यह सब देश भर में हर हफ्ते हो रहा है जिसे रोकने की जरूरत है। इस तरह के रूपांतरणों के शिकार गरीब तबके के लोग होते हैं, उनमें से ज्यादातर सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हैं और विशेष रूप से एससी और एसटी वर्ग के हैं। इस तरह, अंधविश्वास, काला जादू और अवैध रूप से धर्म परिवर्तन संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 25 का उल्लंघन करता है।”
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अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर की गई याचिका में लिखा गया कि “यह समानता के अधिकार, जीवन के अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार में हस्तक्षेप करता है. हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष है और यह संविधान का एक अभिन्न अंग है और उपरोक्त रूपांतरण और काला जादू आदि का अभ्यास भी धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत के खिलाफ है। सरकार भी अंतरराष्ट्रीय कानून से बाध्य है जिसके तहत राज्य (सरकार) का कर्तव्य है कि वह प्रत्येक नागरिक की रक्षा करे और अपनी धार्मिक स्वतंत्रता बनाए रखे।” इस याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि “18 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति को अपना धर्म चुनने की अनुमति क्यों नहीं दी जा सकती है? यही कारण है कि संविधान में प्रचार शब्द का इस्तेमाल किया गया है।”