भाजपा सांसद को दो साल की सजा, क्या जाएगी सदस्यता?

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आगरा: राहुल गांधी को मानमाहानि मामले में सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. उनकी सदस्यता दो साल की सजा होने पर रद्द कर दी गई थी. हालांकि, अब तक सदस्यता बहाल के आदेश जारी नहीं हुए हैं. इस बीच एक ऐसा मामला आया है, जिसमें भाजपा सांसद को दो साल की सजा सुनाई गई है. अब सोशल मीडिया में सवाल उठ रहे हैं कि भाजपा सांसद की सदस्यता भी उसी तेजी से रद्द की जाएगी, जिस तेजी से राहुल गांधी की सदस्ता को रद्द किया गया था.

दरअसल, न्यायाधीश (MP/MLA) कोर्ट ने इटावा के भाजपा सांसद राम शंकर कठेरिया को 2 साल की सजा सुनाई. उन्हें 12 साल पुराने मामले में दोषी मानकर सजा सुनाई गई है. यह मामला टोरेंट पॉवर की ओर से हरिपर्वत थाने में दर्ज कराया गया था. भाजपा सांसद को सजा सुनाए जाने की खबर के बाद तमाम भाजपा नेता दीवानी कोर्ट पहुंच गए. दो साल की सजा से भाजपा सांसद की संसद सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा है.

ये था मामला
इटावा के भाजपा सांसद राम शंकर कठेरिया पूर्व में आगरा के सांसद रहे हैं. मामला 16 नवंबर-2011 का है जब यूपी में बसपा की सरकार थी. आगरा के सांसद रहते हुए डॉ. राम शंकर कठेरिया ने लोगों के साथ मिलकर साकेत मॉल में टोरंट के कार्यालय पर प्रदर्शन किया था जिसमें जमकर बवाल हुआ था. मारपीट भी हुई थी जिस पर टोरेंट पॉवर के सुरक्षा अधिकारी समेधी लाल ने थाना हरीपर्वत में तहरीर दी थी.

जिसमें सांसद राम शंकर कठेरिया सहित अन्य पर मारपीट, धमकी देने के साथ ही अन्य धाराओं में थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में हरीपर्वत थाना पुलिस ने सांसद राम शंकर कठेरिया के विरुद्ध ही आरोप पत्र अदालत में प्रेषित किया गया था. जिस पर इस मामलें में गवाही एवं बहस की प्रक्रिया पूर्ण होने पर शनिवार को फैसला सुनाया गया.

वहीं सजा होने के बाद एससी आयोग के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया ने बताया कि शमशााबद रोड निवासी एक अनुसूचित जाति की महिला थी. उनका टोरेंट पॉवर का मामला था. बिजली का बिल ज्यादा आ गया था, जिससे वह ज्यादा परेशान थी. वह मुझसे मिली, मदद मांगी. मैंने इस पर बारे में बात की तो बताया गया कि बिल कम हो जाएगा मगर, ऐसा नहीं हुआ.

इसके आठ दिन बाद महिला मेरे आवास पर आईं. उन्होंने कहा था कि मेरा बिल ठीक नहीं हुआ तो मैं आत्महत्या कर लूंगी. इस पर मैं उनके साथ टोरेंट पॉवर के कार्यालय गया था. तब उनका बिल ठीक हुआ था. उस वक्त बसपा की सरकार थी इसलिए, मुझ पर कई मुकदमे लिखे गए. उसमें मुकदमा भी है. कोर्ट ने मुझे सजा सुनाई है. मैं कोर्ट के आदेश का सम्मान करता हूं. मुझे अपील का अधिकार है. मैं अब अपील करूंगा.