देश में भ्रष्ट्राचार लगातार बढ़ता जा रहा है। आम आदमी से लेकर राजनेताओं के भी भ्रष्ट्राचार मामले सामने आ रहे हैं। जिसको रोकने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए सख्त रवय्या इख्तियार कर लिया है। इस बीच योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का एक बड़ा बयान सामने आया है। जिसमें वह बोल रहे हैं कि पैसा कमाना गलत नहीं है, लेकिन पूरा का पूरा पैसा डकार लेने गलत है।
बता दें कि वह विभागीय योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने शनिवार को झांसी पहुंचे थे। जहां उन्होंने नहर में मौजूद गंदगी को देख अधिकारियों को फटकार लगाई। वह कहते हैं कि “सरकार का उद्देश्य है कि हर गरीब के खेत में पानी पहुंचे। पैसा कमाना बुरी बात नहीं है, लेकिन पूरा का पूरा पैसा डकार जाना बुरी बात है।” उनकी फटकार के बाद अधिकारियों ने गंदगी के बारे में पता करने की बात बोली। जिस पर मंत्री और भी ज्यादा भड़क हुए। उन्होंने कहा कि “आप क्या पता करेंगे? देखिये क्या देखना है। करोड़ों रुपये आते हैं, लेकिन नहरों की सफाई नहीं हो पाती।”
मंत्री के इस बयान के सामने आने के बाद अब विपक्ष ने उनको निशाना बना लिया है। मंत्री के जरिए विपक्ष योगी सरकार पर हमला कर रही है। विपक्ष का कहना है कि योगी मंत्रिमंडल के मंत्री ही संवैधानिक पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार को अनुमति दे रहे हैं। जबकि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सूबे में सीमित भ्रष्टाचार को अनुमति है?