कोरोना वाय’रस के कार’ण भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड बहुत ज़्यादा प्रभावित है। क्योंकि वाय’रस की वजह से बीसीसीआई का सबसे बड़ा टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग रद्द होने की क’गार पर है। जिसकी वजह से बीसीसीआई को करोड़ों का नुक़सान उठाना पड़ सकता है। इसी बीच बीसीसीआई की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। बीसीसीआई के एक बड़े अधिकारी ने सोमवा’र को इस्तीफा देकर अपना पद छोड़ दिया है। बता दें कि वह 5 महीने पहले ही बीसीसीआई के अध्य’क्ष सौरव गांगुली की टीम में शामिल हुए थे और उन्हें उपाध्य’क्ष का पद दिया गया था। लेकिन उत्तराखंड क्रिकेट संघ का सचिव बनाए जाने के बाद महिम वर्मा ने सौरव गांगुली का साथ छो’ड़ दिया है।
महिम वर्मा ने इस्तीफा छोड़ने की वजह बताते वक़्त कहा कि यह बस औपचारिकता ही थी चूंकि उनकी टीम पिछले महीने ही राज्य में चुनाव जीती थी। उन्होंने कहा कि “मुझे अपने राज्य संघ की भी देखरेख करनी है जिसका संचालन अभी तक अच्छे से नहीं हो रहा था। मैने सीईओ राहुल जौहरी को इस्तीफा दे दिया है। मुझे यकीन है कि इसे स्वीकार किया जायेगा।” वर्मा ने आगे कहा कि “मैंने बोर्ड सचिव जय शाह को पहले की बता दिया था। यदि मैं प्रदेश संघ का प्रभा’र नहीं लेता तो वहां काम सुचारू रूप से नहीं चल पाता। मैंने चुनाव भी इसलिये ही लड़ा था।”
दरअसल महिम वर्मा ने अपना पद छोड़ने की वजह यह थी कि बीसीसीआई के क़ानून के अनुसार एक व्यक्ति एक ही वक़्त पर दो दो पदों पर नहीं रह सकता। चाहे वो रा’ष्ट्रीय स्तर पर हो या प्रां’तीय स्तर पर। बता दें कि महिम वर्मा बीसीसीआई की बड़ी ज़िम्मेदारी निभाते थे। महिम वर्मा उत्तराखंड के रहने वाले थे। महिम वर्मा ही नहीं बल्कि उनके पिता भी पिछले 40 सालों से उत्तराखंड क्रिकेट के लिए ही काम कर रहे हैं। खुशी की खबर यह है कि उत्तराखंड क्रिकेट टीम को बीसीसीआई से मान्यता मिल गई है।